सरयू नदी में स्नान व शिव मन्दिर में जलाभिषेक करने को उमड़े श्रद्धालु
अयोध्या । रामनगरी अयोध्या में महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी शिव मंदिरों में महादेव के जलाभिषेक के लिए प्रातः से शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने नयाघाट, राम की पैड़ी व गुप्तारघाट में मां सरयू के पवित्र जल में स्नान किया। इसके बाद शिवालयों में जाकर भोलेनाथ को जलाभिषेक किया। महाशिवरात्रि पर्व पर नागेश्वर नाथ व क्षीरेश्वरनाथ मंदिर, झारखण्डेश्वर महादेव मंदिर, रिकाबगंज हनुमानगढ़ी, सहादतगंज हनुमानगढ़ी, टकसाल चैराहा, काली मंदिर महाजनी टोला, कोठापार्चा, राजकरण स्कूल के निकट, अरगड़ा लेन स्थित शिव मंदिर, सिविल लाइन शिवाला, रिकाबगंज चैराहा मंदिर, महिला चिकित्सालय गेट के पास शिव मंदिर पर, सुभाष नगर हनुमानगढ़ी, बजाजा शिव मंदिर, शीतला माता मंदिर मकबरा, राम नगर मंदिर, शिव नगर नाका स्थित शिवाला मंदिर रेतिया शिव मंदिर, कालीबाड़ी शिव मंदिर, गुदड़ी बाजार मंदिर, ककरही बाजार स्थित विघ्नेश्वर महादेव मंदिर, पुलिस लाइन मंदिर, ऋषिटोला शिव मंदिर, शनिदेव मंदिर फतेहगंज, मनकामेश्वर महादेव मंदिर छावनी वजीरगंज, गुप्तारघाट शिव मंदिर पर प्रातः से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। लोगों ने भक्तिभाव से जलाभिषेक किया। दर्शन पूजन के साथ व्रत रखा। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिक भीड़ भाड़ वाले मंदिरों पर पुलिस की व्यवस्था रही। वहीं देर शाम नगर के प्रमुख शिव मंदिरों से शिव बारात का आयोजन किया गया। पहली शिव बारात हैदरगंज मोहल्ले से, दूसरी जमुनिया बाग चैराहा हैदरगंज से, तीसरी बारात झारखण्डेश्वर महादेव मंदिर झारखण्डी से, चैथी शिव बारात रेतिया मोहल्ले से निकाली गई। दो अन्य बारात एक राम नगर में सिन्धी समाज की ओर से निकाली गई जो रामनगर में घूम कर वही समाप्त हो गयी। एक अन्य बारात जनौरा गांव में निकाली गई जो वहीं घूमती हुए शिव मंदिर जहां से प्रारम्भ हुई वहीं समाप्त हो गयी। नगर में निकाली गई चारों शिव बारातें चैक में एकत्र होकर विघ्नेश्वर महादेव मंदिर ककरही बाजार की ओर रवाना हुई। नगरवासियों ने शिव बाराज का जगह जगह पर भव्य स्वागत किया। बाराज पर पुष्प की वर्षा की गई। गाजे बाजे के साथ निकाली गई बारात जब ककरही बाजार पहंुची तो वहां बारात का भव्य स्वागत किया गया। शिव पार्वती के विवाह के साथ दो गरीब कन्याओं का विवाह कराया गया। ककरही बाजार निवासियों ने दिलीप यादव के नेतृत्व में बारात में आए सभी लोगों का स्वागत किया। उनको जलपान की व्यवस्था की गई। देर रात विवाह का कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद सभी शिव बारातें जहां से प्रारम्भ हुई थीं वही लौट कर समाप्त हो गईं।