मुख्यमंत्री गोरखपुर से वाराणसी के लिए प्रारम्भ की गयी हवाई सेवा के शुभारम्भ कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर गोरखपुर से वाराणसी के लिए हवाई सेवा के शुभारम्भ कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा गोरखनाथ की धरती एवं बाबा विश्वनाथ की धरती का वायु मार्ग से पहली बार आपस में जुड़ाव हो रहा है। उन्होंने इस हवाई सेवा के यात्रियों को उनकी सुखद एवं मंगल यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन मंे विश्व की प्राचीनतम नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के पावन धाम को भव्य और दिव्य स्वरूप दिया गया है। प्रदेश के कई शहर देश के विभिन्न गंतव्यों के साथ जुड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज बेहतरीन कनेक्टीविटी न केवल समय की बचत करती है, बल्कि अनेक रोजगार एवं उस क्षेत्र के विकास की सम्भावनाओं को भी जोड़ती है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्रीय नागर विमानन मंत्रालय देश में एयर कनेक्टिविटी को बेहतरीन एवं आसान बनाने का कार्य कर रहा है। यह कार्य भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में एक निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगा। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि देश एवं प्रदेश के 06 गंतव्यों के लिए आज से प्रारम्भ हुई हवाई सेवा, राज्य के विकास को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगी। यह हवाई सेवाएं गोरखपुर से वाराणसी, गोरखपुर से कानपुर, गोरखपुर से बेंगलुरु, वाराणसी से मुम्बई, कानपुर से पटना, कुशीनगर से कोलकाता को जोड़ेंगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन से वर्तमान मंे प्रदेश के 09 एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हो चुके हैं। आज से 05 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में केवल 04 एयरपोर्ट क्रियाशील थे, जिससे देश के मात्र 25 गंतव्यों तक हवाई यात्रा सम्भव हो पाती थी। आज देश में हवाई सेवा के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। विगत 05 वर्षाें में उत्तर प्रदेश हवाई सेवा के इस विकास का एक बेहतरीन उदाहरण बनकर प्रस्तुत हुआ है। वर्तमान में प्रदेश से देश एवं प्रदेश के 75 गंतव्यों तक हवाई यात्रा सुगमता से की जा सकती है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री जी के संकल्प-‘हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा करेगा’ की पूर्ति करता हुआ दिखायी दे रहा है। देश में सर्वाधिक जनजाति बाहुल्य क्षेत्र सोनभद्र, धर्म नगरी चित्रकूट, महात्मा बुद्ध की प्रवासस्थली श्रावस्ती में एयरपोर्ट निर्माण का कार्य प्रगति पर है। भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा क्रियाशील है। प्रदेश में वाराणसी, लखनऊ एवं वर्तमान में निर्माणाधीन जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट नोएडा, और अयोध्या में निर्माणाधीन एयरपोर्ट विकास की एक नई कहानी कहते हैं। हवाई आधारभूत अवसंरचना के निर्माण से रोजगार की विभिन्न सम्भावनाएं एवं पर्यटन के अनेक अवसर विकसित हुए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्पाइस जेट, जिसने शुरू से ही वायु सेवा क्षेत्र में अच्छी रूचि दिखाई है, के लिए प्रदेश में अनेक सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर से प्रारम्भ हवाई सेवाएं सभी हवाई यात्रियों को सुगम एवं आसान यात्रा के साथ-साथ गोरखपुर एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई ऊंचाई प्रदान करने में सहायक होगीं। कार्यक्रम में ग्वालियर, मध्य प्रदेश से वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम0 सिंधिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को उत्तर प्रदेश का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह प्रदेश देश की राजनीति को दिशा दिखाता है। उत्तर प्रदेश देश की आत्मा के साथ जुड़ा है। उत्तर प्रदेश जिस राह में चलता है, उसी राह पर सम्पूर्ण देश चलने के लिए कृतसंकल्पित होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक न्यायवादी तथा विकासवादी सरकार की पुनः स्थापना हुई है। प्रदेश सरकार, प्रधानमंत्री जी की आशा के अनुरूप अन्त्योदय एवं एकात्म मानववाद के संकल्पांे को लेकर चलने वाली सरकार है। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के प्राचीनतम एवं अध्यात्म से जुड़े दो शहरों वाराणसी और गोरखपुर को हवाई सेवा से जोड़ा जा रहा है। पहले वाराणसी देश के 11 शहरों से हवाई सेवा से जुड़ा था। आज वाराणसी को 04 अन्य नए शहरों-गोरखपुर, जयपुर, गुवाहाटी और जम्मू से जोड़ा जा रहा है। इससे अब वाराणसी 15 शहरों से हवाई सेवा से जुड़ जाएगा। वहीं गोरखपुर 06 शहरों के साथ जुड़ा हुआ था। आज गोरखपुर को 03 नये शहरों-वाराणसी, कानपुर और बेंगलुरु के साथ हवाई सेवा से जोड़ा जा रहा है। इस प्रकार गोरखपुर अब कुल 09 शहरों से हवाई सेवा से जुड़ जाएगा। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ने कहा कि पूर्व में उत्तर प्रदेश के 04 शहरों में एयरपोर्ट स्थापित थे वहीं विगत 07 वर्षों में 09 नए एयरपोर्ट स्थापित हुए हैं। इनमें प्रयागराज, कानपुर नगर, बरेली, हिण्डन एवं कुशीनगर के एयरपोर्ट शामिल हैं। आने वाले समय में हवाई अधारभूत अवसंरचना के विकास कार्य और तीव्र गति से आगे बढ़ेंगे। प्रदेश मंे 02 नए अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे-जनपद गौतमबुद्धनगर एवं अयोध्या में स्थापित किये जा रहे हैं। प्रदेश के सहारनपुर, मुरादाबाद, आजमगढ़, अलीगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र में नये डोमेस्टिक हवाई अड्डे स्थापित किये जा रहे हैं। इस प्रकार आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में 18 हवाई अड्डे स्थापित होंगे। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ने कहा कि आगामी समय में उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित करने वाला राज्य होगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ‘उड़ान योजना’ के अन्तर्गत 66 एयरपोर्ट पिछले 05 वर्ष में बनाकर देश को समर्पित किये गये। वर्ष 2025 तक 34 अतिरिक्त एयरपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। इस प्रकार देश में कुल 100 एयरपोर्ट बनाने का संकल्प है। उन्होंने लोगों को जोड़ने के लिए स्पाइस जेट के कार्यों की सराहना की। आज उत्तर प्रदेश में वाराणसी से गोरखपुर के साथ 05 अन्य रूट्स- वाराणसी-गुवाहाटी, वाराणसी-पटना, वाराणसी-जयपुर, कानपुर-गोरखपुर, कुशीनगर-कोलकाता के साथ ही देश के 03 अन्य रूट्स पुडुचेरी-बेंगलुरु, हैदराबाद- पुडुचेरी, हैदराबाद-जबलपुर के लिए लोगों को हवाई सुविधा प्राप्त होगी। वर्तमान में देश में 409 रूट्स प्रचलित हैं। ‘उड़ान योजना’ के तहत 2025 तक देश में 1,000 हवाई रुट्स क्रियान्वित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत युद्ध के वातावरण में यूक्रेन से 23,000 बच्चों को 90 फ्लाइट्स की मदद से देश वापस लाया गया। इस अवसर पर स्पाइस जेट की तरफ से मुख्यमंत्री जी को स्पाइस जेट जहाज का एक प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।