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उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष ने ऊर्जामंत्री से की मुलाकात और सौपा जनहित प्रस्ताव  

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए0के0शर्मा ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि वह पूरे मामले को दिखवा कर उचित निर्णय कराएंगे।   प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे रुपया 20596 करोड के एवज में जहां उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी किए जाने की मुहिम छेड रखी है और विद्युत नियामक आयोग द्वारा पावर कारपोरेशन से जवाब तलब किया गया है जिसका जवाब अभी प्रतीक्षित है इसी बीच बिजली दरों में कमी कराने को लेकर घेराबंदी करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए0के0शर्मा से उनके आवास पर मुलाकात कर एक विस्तृत जनहित लोक महत्व प्रस्ताव सौपते हुए पूरे मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई और कहां प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को उनका हक दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लोक महत्व का विषय मानते हुए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में कमी कराने का निर्देश दें जिससे प्रदेश के घरेलू शहरी ग्रामीण व किसानों की बिजली दरों में कमी हो सके और इस महंगाई के दौर में उनको व्यापक राहत प्रदान हो सके।उपभोक्ता परिषद् की  बिजली दरों में कमी की याचिका के बाद बिजली कम्पनियो ने जहा विद्युत नियामक आयोग में बिजली दर प्रस्ताव दाखिल करने से पीछे हट गयी है वही उपभोक्ता परिषद् लगातार बिजली दरों में कमी कराये जाने की अपनी मुहीम को मजबूत आधार देता जा रहा है प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0शर्मा ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि वह पूरे मामले को दिखवा कर  उचित निर्णय कराएंगे । उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने अपने जनहित प्रस्ताव में यह मुद्दा भी उठाया कि जब जब बिजली कंपनियों का प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर कोई भी सरप्लस पैसा निकला है प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं से समय-समय पर 3.7 प्रतिशत व 4.28 प्रतिशत  रेगुलेटरी सरचार्ज की वसूली की गई है ऐसे में जब प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर अब सरप्लस रुपया 20596 करोड़ निकल रहा है तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में भी कमी की जानी चाहिए उपभोक्ता परिषद ने आज ऊर्जा मंत्री को  सौपे अपने जनहित प्रस्ताव में यह मुद्दा भी उठाया कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ता परिषद की याचिका पर पावर कारपोरेशन से दो बार जवाब तलब किया गया लेकिन अभी तक पावर कारपोरेशन ने बिजली दरों में कमी किए जाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दाखिल किया जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश की बिजली कंपनियां प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत प्रदान कराने की दिशा में पूरी तरह उदासीन है ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का नैतिक दायित्व बनता है कि वह आगे आकर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का साथ दें ।

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