राम मंदिर पर कानून लाए सरकार, कांग्रेस नहीं रोक रही : सिब्बल
अयोध्या मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई के बाद नेताओं और अन्य लोगों की बयानबाजी शुरू हो गई है. मंगलवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी इस मामले पर बयान देते हुए बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा ‘अयोध्या मामले की सुनवाई किस तारीख को होनी है, यह कोर्ट तय करेगा. यह बीजेपी या कांग्रेस नहीं तय करेंगे.’
उन्होंने कहा कि अगर सरकार अयोध्या राम मंदिर पर कानून लाना चाहती है तो वो कानून बनाए. कांग्रेस उसे नहीं रोक रही है. कपिल सिब्बल ने बीजेपी की मोदी सरकार आरोप लगाते हुए कहा कि इस मुद्दे को आगामी चुनाव के कारण उठाया गया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार पिछले चार साल से सो रही थी क्या?
बता दें कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई टल गई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसफ की बेंच ने इस मामले को अगले साल जनवरी के लिए टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट अब जनवरी में मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा. उस दिन यह भी तय होगा कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ही मामले की सुनवाई करेगी या इसके लिए कोई नई बेंच का गठन किया जाएगा.
बीजेपी उछालती है मुद्दा : चिदंबरम
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा ‘यह एक जानी पहचानी कहानी है. हर पांच साल में चुनावों के पहले बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को उछालती है. अयोध्या मामले पर कांग्रेस का रुख यही है कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. हम सभी को इंतजार करना चाहिए.’
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को दी चुनौती
अगर केंद्र सरकार अयोध्या मामले पर अध्यादेश लाती है तो फटकार पड़ेगी. सरकार मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाकर दिखाए. उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना पड़ेगा. फैसले का विरोध करना ठीक नहीं है. देश मर्जी से नहीं बल्कि संविधान से चलता है.
गद्दारी कर रहे हैं मुस्लिम : हरिओम पांडेय
बीजेपी सांसद ने फैसला लिया है कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे. पांडेय ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज के लोग मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छा से जमीन नहीं दे रहे हैं तो वह देश से गद्दारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में ही भगवान राम का जन्म हुआ था. इतिहासकार भी इसका प्रमाण दे चुके हैं. ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग न जाने किस हद से इस जमीन पर अपना दावा पेश कर रहे हैं.