मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समिति का किया जायेगा गठन
लखनऊ । प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए संचालित मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत जिले स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समिति का गठन किये जाने हेतु शासनादेश जारी किया गया है। इस संबंध में जारी शासनादेश में विशेष सचिव समाज कल्याण श्री रजनीश चन्द्र ने बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना को जनपद स्तर पर संचालित किये जाने हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों की सहायता के लिए जिला स्तर पर वर्चुअल एवं साक्षात कक्षाओं का आयोजन किया जायेगा, जिसके लिए संबंधित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति/टास्क फोर्स गठित होगी। जो राज्य सरकार के अधिकारियों एवं अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी तथा एक पूर्णकालिक शिक्षक एवं समन्वय की सहायता से कक्षाओं का रोस्टर तैयार करेगी।
उन्होंने बताया कि गठित समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष एवं मुख्य विकास अधिकारी, उपाध्यक्ष और जिला विद्यालय निरीक्षक, जिलाविकास अधिकारी, प्राचार्य जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ावर्ग अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, जिला खाद्य एवं वितरण अधिकारी, उप जिलाधिकारी, कोर्स-कोऑडिनेटर एवं जिलाधिकारी द्वारा नामित गैर सरकारी व्यक्ति सदस्य होगे तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव होगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सत्र में जिला स्तरीय समिति की कम से कम पॉच बैठकें आयोजित की जायेगी तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम का समय-समय पर अनुश्रवण किया जायेगा। प्रशिक्षण केन्द्रों में अध्यापन कार्य हेतु योग्य, अनुभवी एवं प्रोफेशनल व्याख्याताओं की सेवायें अतिथि व्याख्याताओं के रूप में ली जायेगी। योग्य/अनुभवी व्याख्याताओं को जिला स्तर पर चयन समिति की अनुशंसा से परीक्षण व्याख्यान/ट्रॉयल लेक्चर के उपरान्त परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों में जिला स्तरीय समिति द्वारा सूचीबद्ध किया जायेगा। इस हेतु मार्गदर्शन का कार्य उपाम द्वारा किया जायेगा। व्याख्यान के लिए आमंत्रित किये जाने वाले विषय विशेषज्ञों/वार्ताकारों/व्याख्याताओं को प्रति व्याख्यान दर 2000/- रूपये निर्धारित प्रावधानों के अंतर्गत मानदेय का भुगतान किया जायेगा। एक व्याख्यान की अवधि 90 मिनट होगी। एक अतिथि प्रवक्ता को प्रतिमाह अधिकतम 30 व्याख्यान अनुमन्य होंगे। जारी शासनादेश में मेधावी छात्रों के चयन में संशोधन करते हुए प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होने वाले वही छात्र-छात्रायें अर्ह होंगे जो जेईई/नीट हेतु कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत अथवा उत्तीर्ण विज्ञान वर्ग के छात्र हो एवं सिविल सेवा/पीसीएस परीक्षा के प्रशिक्षण हेतु स्नातक अंतिम वर्ष के छात्र अथवा स्नातक उत्तीर्ण छात्र अर्ह होगे। एनडीए /सीडीएस/क्लैट/बैंकिंग/उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग/टीजीटी/पीजीटी आदि परीक्षाओं की शैक्षिक अर्हतायें भी संबंधित प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप होगी। प्रत्येक वर्ष में एक बार उपाम द्वारा निर्धारित तिथि के अनुसार संबंधित कोर्स हेतु अभ्यर्थियों की आवश्यकतानुसार एक पात्रता परीक्षा/चयन प्रक्रिया निर्धारित की जायेगी। उपाम द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा में संबंधित पाठ्यक्रम में छात्र उपलब्ध न होने अथवा जिन पाठयक्रमों की प्रवेश परीक्षा राज्य स्तर से आयोजित नहीं की गयी है, उन पाठ्यक्रमों की आवश्यकतानुसार संबंधित जिलाधिकारी अपने स्तर से समिति गठित कर छात्रों का चयन कर सकते हैं।