छतों से भी बरसाए गए पत्थर, पुलिस को पड़े जान बचाने के लाले,
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान को लेकर प्रयागराज में शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ। जुमे की नमाज के बाद अटाला में जुटी हजारों की भीड़ ने जमकर उपद्रव किया। पुलिस पर पथराव के साथ ही बमबाजी व आगजनी की। पुलिस प्रशासन की दर्जनों गाड़ियों में तोड़फोड़ की, पीएसी की गाड़ी समेत आठ वाहन फूंक दिए। हमले में आईजी समेत 18 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। पुलिस व आरएएफ ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू किया, तब जाकर तीन घंटे बाद बवाल शांत हुआ। अटाला बवाल के मामले में पुलिस की ओर से कुल तीन मुकदमे देर रात तक दर्ज किए गए थे। इनमें से दो खुल्दाबाद व एक करेली थाने में लिखी गई। तीनों मुकदमों में कुल मिलाकर 36 लोगों को नामजद किया गया है। यह सभी 36 लोग देर रात तक करेली, खुल्दाबाद के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किए गए। एक हजार अज्ञात हमलावरों को भी आरोपी बनाया गया है। अज्ञात आरोपियों को वीडियो व सीसीटीवी फुटेज से चिह्नित किया जा रहा है।
छतों से भी बरसाए गए पत्थर
बवाल के दौरान गलियों के साथ ही आसपास स्थित कुछ घरों से भी पत्थर बरसाए गए। दरअसल फोर्स के खदेड़ने पर पथराव कर रहे बहुत से युवक गलियों में स्थित कुछ घरों में जाकर छिप गए। इसके बाद तो छतों से भी पत्थर बरसाए गए।ऊंचाई से पत्थर बरसने की वजह से पुलिसकर्मियों को भी बैकफुट पर आना पड़ा। इस दौरान पत्थर लगने से कुछ पुलिसकर्मी चोटिल भी हुए। जिसके बाद एंबुलेंस बुलवाकर उन्हें अस्पताल भेजा गया। खास बात यह थी कि मकानों के सटे होने के चलते हमलावर एक से दूसरी छत पर जाकर भी हमला बोलते रहे। हालांकि जब पुलिस ने इन मकानों में रहने वालों से पूछताछ की तो उन्होंने हमलावरों के बारे में जानकारी होने से इंकार किया। यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि हमलावर उनकी छतों पर कैसे पहुंचे।
आरएएफ ने संभाला मोर्चा तो पीछे हटे हमलावर
गलियों में हो रही पत्थरबाजी से पुलिस को कई बार बैकफुट पर आना पड़ा। उपद्रवी छिपकर पुलिस पर पथराव कर रहे थे तो पुलिसकर्मी भी उनकी तरफ पत्थर फेंककर उनके हमले का जवाब देते रहे। हालात संभालने में जब पुलिस सफल नहीं हो पाई तो अफसरों के निर्देश पर आरएएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला।