बीजेपी के कार्यक्रमों से दूरी बना रहे नीतीश? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह से भी रहे गायब
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल के दिनों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों से अपने आप को अलग रखा हुआ है। आज वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए जिसके बाद सियासत गरमा गई है। RJD ने इस पर तंज कसते हुए भाजपा, जेडीयू के गठबंधन को बेमेल गठबंधन बताया, वहीं JDU ने इसका बचाव किया है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि ये बेमेल गठबंधन है। उन्होंने एक कहावत के जरिए अपनी बात कही, उन्होंने कहा कि बेमेल शादी कपारे पर सिंदूर। इसका मतलब समझाते हुए कहा दोनों के बीच के संबंधों में मिठास नहीं है। जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने अगर भाजपा के साथ मिलाया है तो उन्होंने अपने समाजवादी सिद्धांतों के खिलाफ गठबंधन किया है। ये गठबंधन केवल कुर्सी के लिए है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के ऊपर राज्य के 12 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है, इसको निभाने के लिए शायद वे राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गए।
JDU ने दिया यह बयान
इधर, JDU की तरफ से कहा गया कि नीतीश कुमार ने मनरेगा को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लेने के कारण इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। जेडीयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राष्ट्रपति का शपथ समारोह सिर्फ औपचारिकता है। मुख्यमंत्री के दूसरे कार्यक्रम भी हैं, इसलिए जरुरी नहीं है कि वह हर कार्यक्रम में शामिल हो। फिलहाल, उनके पास दूसरे कार्यक्रम हैं, जिसमें वह व्यस्त हैं। इसका कोई दूसरा अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।
अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी नहीं लिया था हिस्सा
उल्लेखनीय है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार ने भाग नहीं लिया। वहीं, आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं जब बीजेपी के कार्यक्रमों से अपनी दूरी बनाई हुई है। इससे पहले 17 जुलाई को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की एक बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। राष्ट्रीय ध्वज से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में बीजेपी कोटे से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद बिहार से हिस्सा लेने पहुंचे थे।