बुनकरों की पूंजीगत कठिनाइयों को दूर करने के लिए उन्हें बैंको से जोड़ा जायेगा
उत्तर प्रदेश में वस्त्र उद्योग की रीढ़ कहें जाने वाले बुनकरों की पूंजीगत कठिनाई को दूर करने के लिए उन्हें बैंको से जोड़ा जायेगा। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित मुद्रा योजना एवं उत्तर प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत बुनकरों को सस्ते दर पर ऋण के साथ सब्सिडी का लाभ दिया जायेगा। इसके लिए प्रदेश के सभी हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों को ऑनबोर्ड कराया जायेगा।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोंद्योग डा0 नवनीत सहगल के साथ स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के चीफ जनरल मैनेजर श्री अजय खन्ना की बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि भारतीय स्टेट बैंक प्रथम चरण में वाराणसी के 50 हजार बुनकरों को मुद्रा योजना के तहत ऋण प्रदान करेगा। ऋण के लिए बुनकरों को केवल अपना पहचान पत्र, बुनकर होने का प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड एवं हैण्डलूम में पंजीकरण का प्रमाण-पत्र देना होगा। ऋण स्वीकृत की सभी प्रक्रियायें केन्द्रीकृत होंगी। इससे बुनकरों को ऋण के लिए ब्रांच-ब्रांच भटकना भी नहीं पड़ेगा।
डा0 सहगल ने बताया कि प्रदेश के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों का हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग में रजिस्टेªशन कराया जायेगा। इससे बुनकरों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त होगा। रजिस्टेªशन के पश्चात बुनकरों को बैंक से लोन लेने में भी आसानी होगी। साथ ही सरकारी खरीद में भी बुनकरों की भूमिका बढ़ेगी। इससे उनके उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी और आय में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि बुनकरों को ऑनबोर्ड करने के लिए हथकरघा विभाग के जिला कार्यालयों में सिडबी के कर्मचारी मौजूद रहेंगे, वे फार्म भरने में बुनकरों की मदद करेंगे। बुनकर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से अपना रजिस्टेªशन करा सकेंगे।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वाराणसी का सिल्क ओडीओपी उत्पाद है। ऋण लेने वाले बुनकरों को ओडीओपी योजना से जोड़कर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जायेगी। जहां हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग उत्पाद ओडीओपी में शामिल नहीं हैं, वहां अन्य योजनाओं के तहत बुनकरों को सब्सिडी उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि वाराणसी में आगामी 01 अगस्त से 15 अगस्त तक विशेष अभियान चलाकर 50 हजार बुनकरों को ऑनबोर्ड कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये है। इसके पश्चात पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर बुनकरों को ऑनबोर्ड कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि बुनकरों को संगठित क्षेत्र में लाना सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है।