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मुख्यमंत्री ने अग्निशमन, नागरिक सुरक्षा

और कारागार विभाग के कार्यों की समीक्षा की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग और कारागार विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए भविष्य के दृष्टिगत बेहतरी के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समाज में शांति, सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में नागरिक सुरक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान में प्रदेश के 27 जिलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयां गठित हैं। सिविल डिफेंस के महत्व और उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए इसका सभी 75 जिलों में विस्तार किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को आधार मानकर नागरिक सुरक्षा इकाइयों का पुनर्गठन किया जाए। इस प्रकार प्रदेश में साढ़े सात सौ से अधिक नागरिक सुरक्षा इकाइयां क्रियाशील हो सकेंगी। गृह विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी की जाए। नवीन इकाइयों के सुचारु क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मंत्रिपरिषद द्वारा हाल ही में नया जेल मैन्युअल अनुमोदित किया गया है। जेल सुधारों की ओर यह महत्वपूर्ण प्रयास होगा। हमें कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा। ‘ओपेन जेल’ और ‘हाई सिक्योरिटी जेल’ इस संबंध में उपयोगी हो सकते हैं। इस संबंध में स्थान का चिन्हांकन कर विधिवत प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त कारागारों में 14 वर्ष की अवधि से अधिक समय से बंद कैदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए। सूची में बीमार, नाबालिग और महिला और दिव्यांग कैदियों का पृथक विवरण भी हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आग लगने की घटना में अग्निशमन विभाग की उपयोगिता का सभी ने अनुभव करते हैं। अग्निशमन विभाग के कार्मिकों का सेवा भाव प्रेरक है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबंधन एवं आपात सेवा के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार के मॉडल बिल ऑन मेंटेनेंस ऑफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विस, 2019 की तर्ज पर राज्य का मॉडल फ़ायर एन्ड इमरजेंसी बिल तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बहुमंजिली इमारतों में प्रत्येक दशा में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की नीति के अनुरूप भवन स्वामी द्वारा हर छह माह के अंतराल पर सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था, भवनों के प्रकार के अनुसार फायर सेफ्टी ऑडिट के प्रावधान और वार्षिक थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था को लागू किया जाए। फायर फाइटर्स की सुरक्षा व उच्चस्तरीय अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता के लिए एक विशेष निधि-कोष की स्थापना के प्रयास हों। वर्तमान में स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की कोशिश करनी होगी। उन्होंने इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री देवेन्द्र सिंह चौहान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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