मुख्यमंत्री ने वाराणसी में ‘अपना घर आश्रम’ में ‘प्रभु सेवा केन्द्र’
का लोकार्पण किया, आश्रम में रह रहे लोगों की कुशलक्षेम पूछी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद वाराणसी में ‘अपना घर आश्रम’ में ‘प्रभु सेवा केन्द्र’ का लोकार्पण किया और आश्रम में रह रहे लोगों की कुशलक्षेम पूछी। उन्हांेने उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स काॅरपोरेशन लि0 की ओर से 42,38,935 रुपये तथा जिला राइफल क्लब की ओर से 2,22,800 रुपये के चेक ‘अपना घर आश्रम’ के प्रबन्धक को सौंपे।
मुख्यमंत्री जी ने ‘अपना घर आश्रम’ की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि नर के रूप में यह नारायण की सेवा है। निश्चित रूप से चिकित्सक दम्पत्ति का यह सराहनीय प्रयास हैं। इससे समाज के असहाय लोगों को सहायता मिल रही हैं। इस तरह के आश्रम अन्य स्थानों पर भी होने चाहिये। इस कार्य में समाज के लोगों को बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। अपना घर आश्रम में निराश्रितों को सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे-आश्रय, उपचार, भोजन, कपड़े तथा अन्य आवश्यकताएं बिना किसी शुल्क के और समाज के सहयोग से प्रदान की जाती हैं।
तत्पश्चात मुख्यमंत्री जी ने श्री काल भैरव मन्दिर तथा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन किया। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के पश्चात मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सावन माह में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाए। दर्शनार्थियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। इसके पश्चात मुख्यमंत्री जी ने जल संस्थान, भेलूपुर के कार्याें का निरीक्षण किया।
ज्ञातव्य है कि सामने घाट स्थित अपना घर आश्रम की स्थापना 14 अक्टूबर 2018 को वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ0 के0 निरंजन और उनकी पत्नी डेंटल सर्जन डॉ0 कात्यायनी ने अपनी टीम के साथ पवित्र गंगा नदी के तट पर निराश्रित बीमार व्यक्तियों की सेवा के लिए की थी। इस आश्रम के लिए डॉ0 दम्पत्ति द्वारा 100 बिस्तरों वाली आवासीय क्षमता का भवन भी उपलब्ध कराया गया है। यह आश्रम महिला और पुरुष दोनों के लिए है, जिसकी क्षमता 50-50 है। बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, इसकी क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाकर 300 कर दिया गया है। प्रभु सेवा केन्द्र श्रीमती निर्मला बिरला, कोलकाता द्वारा निर्मित कराया गया है।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।