भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आरबीआई एमपीसी बैठक के नतीजे की घोषणाएं की। इस दौरान रिजर्व बैंक ने आज 2024 में अपनी पहली बैठक में भी रेपो रेट में कोई वृद्धि नहीं की है। 2023 में पांच बार लगातार भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया था। महंगाई दर को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक के प्रयास जारी हैं। बता दें कि अभी रेपो रेट 6.50 ही रहेगा।
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को न बढ़ाने के पीछे देश में आर्थिक प्रगति को जारी रखने, महंगाई को काबू में रखने का भी ध्यान में रखा है। क्योंकि कर्ज़ महंगा होने से बैंकों सहित कई सेक्टरों पर नेगेटिव असर पड़ता है। रिजर्व बैंक गवर्नर ने बैंकों की अच्छी स्थिति की भी जानकारी दी और कहा कि इंडिया वर्ल्ड ग्रोथ का इंजन भी बन सकता है।
रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों से कर्ज लेने वाले बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किल बढ़ सकती थी। रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों के साथ साथ कर्ज देने वाले बैंकों को भी बड़ी राहत दी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के लक्ष्य पर रखने के लिए दृढ़ है, उन्होंने कहा कि एमपीसी खाद्य कीमतों पर दबाव के किसी भी संकेत की सावधानीपूर्वक निगरानी करेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था का अवलोकन देते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में आर्थिक गतिविधियों में गति जारी रहने की उम्मीद है और 2024 में वैश्विक विकास स्थिर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि घरेलू गतिविधियों में गति मजबूत बनी हुई है। .