फेस्टिव सीजन (Festive Season) के शुरू होने से पहले हवाई सफर महंगा हो जाता है। फ्लाइट की टिकट महंगी होने की वजह से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को लेकर संसदीय पैनल ने हवाई-किरायों पर स्पेशल कापिंग का प्रस्ताव पेश किया है।
फ्लाइट टिकट की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए संसदीय समिति एक अलग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रही है। समिति ने कहा कि फ्लाइट टिकट की कीमतों को लेकर अभी नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कोई अहम फैसला नहीं लिया गया है।
गुरुवार को संसदीय स्थायी समिती ने परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर एक रिपोर्ट पेश किया है। इस रिपोर्ट में समिती ने हवाई किराए को तय करने जैसे मुद्दे पर सिफारिश और टिप्पणी पेश किया है।
संसदीय समिती की रिपोर्ट
संसदीय समिती द्वारा पेश किये गए रिपोर्ट में कई उदाहरण की तरफ इशारा किया गया है। समिती ने एक तंत्र सुझाया जिसके अनुसार डीजीसीए (DGCA) के पास हवाई शुल्कों को विनियमित करने का अधिकार है। वहीं, सरकार हवाई किराए को विनियमित नहीं कर सकती है।
संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि हवाई किराए को कंट्रोल करने के लिए एक अर्ध-न्यायिक शक्तियों के साथ एक अलग इकाई बनाने का सुझाव दिया है।
इसके अलावा समिती ने अपने रिपोर्ट में कहा कि एयरलाइंस और ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके लिए समिति ने मार्ग विश्ष्ट किराया का सुझाव भी दिया है। समिती ने कहा कि एयरलाइंस को राजस्व प्रबंधन और वाणिज्यिक हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इसके अलावा समिति ने सुझाव दिया है कि मंत्रालय विमान नियम, 1937 के नियम 13 (1) का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार कर सकता है।