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आईआईटी जम्मू : अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिलक कम्युनिकेशन तैयार

आईआईटी जम्मू ने अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार कर लिया है। इसके माध्यम से नौसेना तटीय रक्षा को मजबूत कर सकेगी। इस सिस्टम के माध्यम से समुद्र के बीच नौसेना अपनी सूचनाएं अधिक सुरिक्षत, तेजी से और अधिक डाटा के साथ एक से दूसरे शोर तक पहुंचा सकेगी।

इस सिस्टम की संचार रफ्तार रेडियो फ्रिक्वेंसी और एक्योस्टिक बेव्स से भी अधिक है। कुल मिलाकर यह नौसेना के लिए तटीय रक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस सिस्टम से पानी के भीतर जल गुणों के आधार पर वायरलेस ऑप्टिकल उच्च डेटा रेट, कम समय और 100 से 300 मीटर तक अधिक जानकारियां भेज सकेंगी
इस सिस्टम को सेंसर, लेजर के जरिए पानी के नीचे स्थापित किया जा सकता है। सिस्टम के लिए मुख्य रूप से ट्रांसमीटर और रिसीवर का इस्तेमाल किया गया है। ट्रांसमीटर ऑप्टिकल सिग्नल भेजता है। रिसीवर के जरिये किसी जहाज आदि पर लगे एंटिना से सिग्नल प्राप्त किया जा सकता है। इस सिग्नल का इस्तेमाल ड्रोन में भी किया जा सकता है।

नौसेन को इन एप्लीकेशन में मिलेगी मदद
नौसैनिक रक्षा और निगरानी
समुद्री अन्वेषण और अनुसंधान
पानी के नीचे बुनियादी ढांचे का निरीक्षण
पानी के नीचे बैरियर मानिटरिंग
कम समय में अधिक रिस्पांस स्पीड, सुरक्षा


अपनी अधिक बैंडविड्थ, रिस्पांस स्पीड और सुरक्षा के कारण दूरसंचार जगत में अंडरवाटर ऑप्टिकल संचार अहम हो गया है। ध्वनिक तरंगों, रेडियो फ्रीक्वेंसी और ऑप्टिकल तरंगों के माध्यम से पानी के भीतर वायरलेस संचार संभव है। ऑप्टिकल की बैंडविड्थ ध्वनिक तरंगों और रेडियो आवृत्ति से अधिक है, इसलिए कम समय में अधिक जानकारी भेजी जा सकती है।

वर्तमान में वायरलेस संचार का उपयोग स्थलीय उपकरणों की एक विस्तृत शृंखला में हो रहा है। पानी के भीतर की दुनिया में वायरलेस संचार सैन्य एप्लीकेशन के लिए सबसे अधिक अहम है। इसे देखते हुए इसे तैयार किया गया है। -डा अंकुर बंसल, सहायक प्रोफेसर, आईआईटी जम्मू

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