तमिलनाडु: आम चुनाव से पहले पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम की मुश्किलें बढ़ी
पन्नीरसेल्वम को 2022 के जुलाई महीने में एआईएडीएमके से निष्कासित कर दिया गया था। बाद में, पलानीस्वामी को मुख्य विपक्षी दल के शीर्ष नेता के रूप में चुना गया था।
एआईएडीएमके से निष्कासित किए गए नेता ओ पन्नीरसेल्वम की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब मद्रास हाई कोर्ट ने उन्हें पार्टी के चिह्न का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है। इसके अलावा पन्नीरसेल्वम पार्टी के झंडे और लेटरहेड का उपयोग भी नहीं कर पाएंगे। दरअसल मद्रास हाईकोर्ट में एआईएडीएमके महासचिव पलानीस्वामी द्वारा मुकदमा दायर किया गया था। इस पर न्यायमूर्ति एन सतीशकुमार ने यह आदेश पारित किया है।
11 जनवरी को खारिज की गई थी तीन अपील
इससे पहले 11 जनवरी 2024 को न्यायमूर्ति आर महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने ओ पन्नीरसेल्वम द्वारा दायर तीन अपीलों को खारिज कर दिया था। उस समय खंडपीठ ने यह भी कहा था कि अगर पन्नीरसेल्वम चाहें तो अपने खिलाफ पारित किए गए आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में आवेदन दायर कर सकते हैं।
इसके बाद ओ पन्नीरसेल्म ने एकल न्यायाधीश से संपर्क किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति सतीशकुमार यह आदेश पारित किया कि पन्नीरसेल्वम पार्टी के चिह्म, झंडे और लेटरहेड का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
इसलिए निष्कासित किए गए पन्नीरसेल्वम
आपको बता दें कि ओपीएस के नाम से मशहूर ओ पन्नीरसेल्वम पर पार्टी विरोधी गतिविधितियों के आरोप लगे थे। इसके बाद जुलाई 2022 में एआईएडीएमके की सामान्य परिषद द्वारा उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद पलानीस्वामी को मुख्य विपक्षी दल के शीर्ष नेता के रूप में चुना गया था।