पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों की घोषणा शुरू कर दी है। इसी बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने भी कांग्रेस के कन्हैया कुमार को झटका देते हुए बेगूसराय लोकसभा सीट से पूर्व विधायक अवधेश राय को चुनावी मैदान में उतार दिया है। भाकपा महासचिव डी राजा ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
“बिहार में महागठबंधन एकजुट”
डी राजा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी बिहार से लोकसभा की 40 सीट में से ‘‘कम से कम एक और सीट” चाहती है, लेकिन उन्होंने इस बारे अधिक खुलासा नहीं किया। राजा ने शुक्रवार शाम राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad) और गुरुवार शाम को उनके बेटे एवं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात करने की बात स्वीकार की। महागठबंधन द्वारा बिहार में सीट साझा करने का ‘फार्मूला’ अबतक नहीं घोषित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘बिहार में महागठबंधन एकजुट है।”
गिरिराज को फिर से उम्मीदवार बना सकता है भाजपा
गौरतलब है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आने वाले और बछवाड़ा से दो बार विधायक रहे राय को उम्मीदवार बनाया जाना वाम दल के सहयोगी राजद के ‘‘मुस्लिम-यादव” समर्थन आधार का अधिकतम लाभ उठाने के इरादे का संकेत देता है। वर्ष 2009 को छोड़कर जब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के मोनाजिर हसन ने बेगुसराय सीट जीती थी, इस सीट से हमेशा अगड़ी जाति भूमिहार समुदाय के उम्मीदवार निर्वाचित होते रहे हैं। बेगूसराय से वर्तमान में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सांसद हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें फिर से यहां से उम्मीदवार बना सकती है। वर्ष 2019 में गिरिराज सिंह ने बेगूसराय लोकसभा सीट पर चार लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। हालांकि जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार उस चुनाव में भाकपा के उम्मीदवार थे। सिंह को कुमार से कड़ी टक्कर मिली थी। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था क्योंकि राजद के तनवीर हसन को करीब दो लाख वोट मिले थे।