जम्मू कश्मीर

अनुच्छेद 370 पर SC ने केन्द्र और JK सरकार को जारी किया नोटिस

जम्मू-कश्मीर के संविधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया है। यह जनहित याचिका मालेगांव विस्फोट मे आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय सहित चार लोगों ने दाखिल की।

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याचिका में जम्मू-कश्मीर के संविधान को भारतीय संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा गया है कि ये भारतीय नागरिकों के साथ भेदभाव करता है, इसलिए इसे रद किया जाए। भारतीय संसद से अनुच्छेद 370 में संशोधन का हक छीनने वाले राष्ट्रपति आदेश 1954 को भी रद करने की मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई , एसके कौल और केएम जोसेफ की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता के वकील विष्णु जैन का कहना था कि जम्मू कश्मीर का संविधान भारतीय संविधान के खिलाफ है। कोर्ट ने याचिका को धारा 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ संलग्न किया।

क्या कहता है जम्मू-कश्मीर का संविधान

बता दें कि 1956 में जम्मू कश्मीर का संविधान बनाया गया था। इसमें स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया है। इस संविधान के मुताबिक स्थायी नागरिक वो व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो, साथ ही उसने वहां संपत्ति हासिल की हो।

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