गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई RBI की बोर्ड मीटिंग
रिजर्व बैंक ने गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में वैश्विक और घरेलू आर्थिक हालात की समीक्षा की है। इसमें भू-राजनीतिक चुनौतियों के साथ ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट की उथलपुथल पर भी चर्चा की गई।
रिजर्व बैंक ने बताया कि बोर्ड की 607वीं बैठक नागपुर में संपन्न हुई। RBI बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान डिजिटल पेमेंट्स में अब तक हुई प्रगति पर बात की। साथ ही उपभोक्ताओं में जागरूकता लाने के लिए कंज्यूमर एजुकेशन और जागरूकता के नतीजों की भी समीक्षा की गई। आरबीआई बोर्ड ने अकाउंटिंग ईयर 2024-25 में सेंट्रल बैंक के बजट को मंजूरी भी दे दी है।
RBI की मीटिंग ऐसे वक्त में हुई है, जब सांख्यिकी मंत्रालय ने बताया है कि तीसरी तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.4 प्रतिशत रही। इसमें मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान भी जताया गया है।
भारत का आधिकारिक जीडीपी डेटा जारी होने के बाद तमाम रेटिंग एजेंसियों से लेकर संस्थाओं तक ने मौजूदा वित्त वर्ष के साथ ही 2024-25 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ा दिया है। फरवरी 2024 में खुदरा महंगाई दर मामूली गिरावट के साथ 5.09 फीसदी रही, जो रिजर्व बैंक के लिए राहत की बात है।
अगर वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग की बात करें, तो यह 3 से 5 अप्रैल तक होगी। मतलब कि पॉलिसी का एलान 5 अप्रैल को होगा। अमेरिकी फेड रिजर्व का कहना है कि वह 2024 में तीन बार ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर रहा है। ऐसे में माना जा रहा कि कैलेंडर ईयर की दूसरी छमाही में महंगाई दर 4 फीसदी के करीब रही, तो रिजर्व बैंक भी कर्ज सस्ता कर सकता है।
आरबीआई की मीटिंग में केंद्रीय बोर्ड के निदेशक सतीश के मराठे, रेवती अय्यर, सचिन चतुर्वेदी, वेणु श्रीनिवासन और रवींद्र एच ढोलकिया शामिल हुए। वहीं, डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर और स्वामीनाथन जे भी मौजूद थे।