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ईडी ने हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू की 17.82 करोड़ की संपत्ती जब्त

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत गैंगस्टर सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू के परिवार के सदस्यों की 17.82 करोड़ रुपये की नकदी, बैंक जमा और जमीन कुर्क की गई है। केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा, अचल संपत्तियां हरियाणा के नारनौल और राजस्थान के जयपुर में स्थित हैं। इसमें कहा गया है कि चीकू अपने गिरोह के सदस्यों के माध्यम से लॉरेंस बिश्नोई के अपराध के पैसे का प्रबंधन कर रहा था और अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित कर रहा था।

चीकू वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है और उसे इस मामले में फरवरी में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जब एजेंसी ने राजस्थान और हरियाणा में उसके परिवार के सदस्यों और जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ तलाशी ली थी। ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि निमावत ग्रेनाइट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के माध्यम से नारनौल में खनन कारोबार में चीकू की कथित अवैध भागीदारी थी।

गैंगस्टर सुरेंद्र चीकू ने अपने आपराधिक प्रभाव का इस्तेमाल किया और अपने बहनोई विकास कुमार को इस कंपनी में एक निदेशक और एक शेयरधारक के रूप में पेश किया, जिसे नारनौल में बखरीजा खदानों में खनन टेंडर दिया गया था। एजेंसी ने दावा किया कि ‘इस सौदे के जरिए सुरेंद्र सिंह चीकू और विकास कुमार ने बिना व्यावसायिक निवेश के 2.84 करोड़ रुपये की उगाही की।

यह दावा किया गया कि खनन व्यवसायों से निकाली गई अपराध की आय को कानूनी बैंकिंग चैनल के माध्यम से प्राप्त किया गया, सामान्य अर्थव्यवस्था में लगाया गया और अचल संपत्तियों को खरीदने और व्यक्तिगत उपभोग के लिए इस्तेमाल किया गया। एजेंसी ने कहा कि उसने गैंगस्टर चीकू के संरक्षण में खनन व्यवसायों से उगाही गई धनराशि का कैलिब्रेटेड अनुमान लगाने के लिए खनन और राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में खनन क्षेत्र का ड्रोन सर्वेक्षण किया।

ईडी ने कहा कि यह सामने आया है कि उत्खनन के परिणामस्वरूप इन खदानों से 1 लाख मीट्रिक टन से अधिक पत्थर निकाले गए हैं। ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला अपहरण, हत्या और जबरन वसूली आदि के आरोपों पर चीकू और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कई एफआईआर से उपजा है।

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