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एसआईटी ने खंगाले रजिस्टर, कर्मचारियों से की पूछताछ, एक पूर्व डीआईओएस तलब

कानपुर में नौ फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कराने के मामले की तह तक जाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने एक पूर्व डीआईओएस को नोटिस भेजकर बुधवार को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। इससे पहले एसआईटी ने मंगलवार को डीआईओएस और जिला परियोजना अधिकारी शिक्षा अभियान (रमसा) कार्यालय पहुंचकर छानबीन की।

टीम ने दोनों दफ्तरों में शासन और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से आने वाली ई-मेल को रिसीव करने और फिर अफसरों तक पहुंचाने तक की प्रक्रिया को समझा। रजिस्टर भी चेक किए। एसआईटी को कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड प्रयागराज से भर्ती के संबंध में भेजी गई फर्जी ई-मेल रमसा कार्यालय में रिसीव हुई थी।

इसके बाद तत्कालीन डीआईओएस दफ्तर को भेजी गई थी। मामले से जुड़े रजिस्टर भी एसआईटी ने कब्जे में लिए हैं। एसआईटी प्रभारी एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया कि पूर्व डीआईओएस मन्नीलाल को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है। फर्जी भर्ती प्रकरण के दौरान मन्नीलाल की तैनाती यहीं थी। कुछ लिपिकों को भी बुलाया गया है। बता दें इससे पहले एसआईटी डीआईओएस कार्यालय के लिपिक सुनील कुमार, सेवानिवृत लिपिक राकेश से भी पूछताछ कर चुकी है।

डीआईओएस को भेजी गई मेल रमसा में क्यों रिसीव की गई… इस संबंध में की पूछताछ
एसीपी व उनकी टीम सबसे पहले चुन्नीगंज स्थित डीआईओएस कार्यालय पहुंची। पूछताछ और छानबीन के बाद यहां से 150 मीटर दूर स्थित रमसा कार्यालय गई। यहां पता चला कि माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड प्रयागराज से भेजी गई ई-मेल रमसा कार्यालय में रिसीव की गई थी।

जांच में डीआईओएस कार्यालय की लापरवाही सामने आई
डीआईओएस को भेजी गई ई-मेल यहां क्यों रिसीव की गई, क्या तत्कालीन डीआईओएस के आदेश पर ऐसा किया गया, इस बारे में लिपिकों से पूछा गया। डीआईओएस कार्यालय के अरुण कुमार, शिल्पा, उत्तम व रमसा के एकाउंटेंट सुशील समेत 10 लोगों से पूछताछ हुई। एक अधिकारी ने बताया कि डीआईओएस ने मेल की कॉपी शिल्पा को दी थी, उनके आदेश के बाद ही नियुक्ति वाली ई-मेल की रजिस्टर में एंट्री की गई थी। अब तक की जांच में डीआईओएस कार्यालय की लापरवाही सामने आई है।

मामले में अब तक क्या?
इंटर कॉलेजों में लेक्चरर पद पर हुई नौ फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस प्रकरण की विवेचना के लिए एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी अब तक मास्टरमाइंड पिता-पुत्र समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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