सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की कसौटी पर उत्तराखंड खरा उतरा है। नीति आयोग की एसडीजी रैंकिंग इंडेक्स रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। आयोग ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट जारी की। चौथे स्थान से छलांग लगाते हुए उत्तराखंड ने केरल के साथ सर्वोच्च स्थान पर जगह बनाई है। सतत विकास के 16 लक्ष्यों में से तकरीबन हर लक्ष्य को साधने में उत्तराखंड ने पिछले वर्ष की तुलना में काफी सुधार किया है।नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सतत विकास के 16 लक्ष्यों में उत्तराखंड ने तमिलनाडु व कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल सरीखे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए 79 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है। केरल ने बेहतर प्रदर्शन के जरिये अपने सर्वोच्च रैंकिंग को बरकरार रखा है। सर्वोच्च पांच स्थानों पर रहने वाले राज्यों में 78 अंकों के साथ तमिलनाडु दूसरे, 77 अंकों के साथ गोवा और हिमाचल तीसरे, 76 अंकों के साथ पंजाब और सिक्किम चौथे और 75 अंकों के साथ कर्नाटक पांचवें स्थान पर रहा है।उत्तराखंड की इस उपलब्धि से खुश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को इसके लिए शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद और सहयोग से ये उपलब्धि हासिल हुई। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार के विकासोन्मुखी प्रयासों से आज हमारा प्रदेश अग्रणी राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ा है। नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य 2023-2024 की रिपोर्ट में उत्तराखंड का शीर्ष स्थान प्राप्त करना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।उन्होंने कैबिनेट के सहयोगियों, शासन व प्रशासन के अधिकारियों को भी बधाई दी। कहा कि हमारी सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ ”विकसित उत्तराखंड” की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। राज्य में पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करते हुए सर्वस्पर्शी एवं सर्वांगीण विकास करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।एसडीजी इंडेक्स में टॉप 5 राज्यओवरऑल रैंक राज्य नंबर01 उत्तराखंड 7901 केरल 7902 तमिलनाडु 78 03 गोवा 7703 हिमाचल 7704 पंजाब 7604 सिक्किम 7605 कर्नाटक 75उत्तराखंड का सतत लक्ष्यवार प्रदर्शन1. गरीबी उन्मूल 83 2. भूखमुक्त समाज 66 3. अच्छा स्वास्थ्य और जीवन 84 4. गुणवत्तापरक शिक्षा 73 5. लिंग समानता 56 6. स्वच्छ जल व स्वच्छता 94 7. क्लीन एनर्जी 100 8. बेहतरीन कार्य व आर्थिक वृद्धि 80 9.उद्योग, नवाचार व अवस्थापना 62 10. असमानता में कमी 69 11. टिकाऊ नगर एवं समुदाय 89 12. उत्तरदायित्वपूर्ण उपभोग एवं उत्पादन 86 13. जलवायु कार्य 71 15. जीवन एवं भूमि 94 16. शांति, न्याय और सशक्त संस्थाएं 81