गोपाष्टमी पर इस वजह से की जाती है गाय की पूजा, जानिए कुछ ख़ास बातें
आप सभी को बता दें कि कल यानि 16 नवम्बर को गोपाष्टमी है ऐसे में यह त्यौहार गाय को समर्पित माना जाता है और इस दिन गाय माता की पूजा की जाती है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं गाय से जुड़े हुए कुछ धार्मिक तथ्य.
*कहते हैं हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं ऐसे में कोटि का अर्थ करोड़ नहीं बल्कि प्रकार होता है. अब इसका मतलब गाय में 33 प्रकार के देवता निवास करते हैं और यह देवता हैं- 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विन कुमार. यह सब मिलकर कुल 33 होते हैं.
* कहा जाता है भगवान शिव के प्रिय पत्र ‘बिल्वपत्र’की उत्पत्ति गाय के गोबर में से ही हुई थी इसी वजह से गाय का ख़ास महत्व होता है.
* कहते हैं ऋग्वेद ने गाय को अघन्या कहा है और वहीं यजुर्वेद कहता है कि गौ अनुपमेय है. इसी के साथ अथर्ववेद में गाय को संपतियों का घर कहा गया है.
* कहा जाता है पौराणिक मान्यताओं व श्रुतियों के अनुसार, गाय साक्षात विष्णु रूप है और गाय सर्व वेदमयी और वेद गौमय है. इसी के साथ भगवान श्रीकृष्ण को सारा ज्ञानकोष गोचरण से ही मिला था.
* कहते हैं कि भगवान राम के पूर्वज महाराजा दिलीप नंदिनी गाय की पूजा करते थे इस वजह से गाय का महत्व है.
* कहा जाता है और मान्यता भी है कि गणेश भगवान का सिर कटने पर शिव जी ने एक गाय दान करने का दंड रखा था और वहीं पार्वती को देनी पड़ी थी.
* मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ का वाहन नंदी दक्षिण भारत की आंगोल नस्ल का सांड था और जैन आदि तीर्थकर भगवान ऋषभदेव का चिह्न बैल था इस वजह से गाय की पूजा होती है.
* वहीं गरुड़ पुराण की मानें तो वैतरणी पार करने के लिए गोदान का महत्व बताया होता था.