8 फरवरी को महाकुंभ में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की बैठक होगी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश का पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग 8 फरवरी को शुरू होने वाले महाकुंभ में एक अहम बैठक करेगा और इसमें प्रदेश में पशुधन, पशुपालन उद्योग और कृषकों के विकास पर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे। राज्य सरकार विभाग द्वारा उद्यमों को जारी एक बयान के अनुसार, पशुधन एवं दुग्ध विकास आगामी आठ फरवरी को महाकुंभ नगर में एक बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में नामांकित नीति 2022 में बदलाव, पशुधन के 24 घंटे संचालन और दुग्ध संघों को मजबूत करने जैसे नामांकन पर चर्चा की संभावना है। इससे पहले गत 22 जनवरी को अंतिम महाकुंभ मेला क्षेत्र में राज्य महासभा की भी बैठक हुई थी।पशु स्वास्थ्य सेवाओं से बातचीत करना है सरकार का लक्ष्य, सरकार का लक्ष्य पशु स्वास्थ्य सेवाओं से बातचीत करना, गोमूत्र के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देना और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करना है। आठ फरवरी को महाकुंभ नगर में होने वाली बैठक में पास्ट पेक जाने वाले नारियल को अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी पशु स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए 24 घंटे संचालित करने की योजना बनाई है और बैठक में इस पर भी मुहर लगने का अनुमान है। अलौकिक, पशुधन स्वामी सेवा सुबह से शाम तक ही उपलब्ध है लेकिन अब सरकार इसे रात्रिकालीन सेवा के साथ 24 घंटे सक्रिय बनाए रखने पर काम कर रही है। इसमें कहा गया है कि हर पशु अस्पताल में रात के समय एक पशु चिकित्सक, एक पैरा मेडिकल स्टाफ और 1962 के मेयर सेवा स्थिरांक, किसानों और पशुपालकों को रात में भी अपने पशु चिकित्सक के इलाज की सुविधा दी गई।बेंचमार्क नीति 2022 में बदलाव पर भी सहमति बन सकती है, प्रदेश सरकार गौमूत्र को औद्योगिक उपयोग में लाने की योजना पर कार्य कर रही है। इसके तहत नेशनल लेबल डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और सोसायटी के सहयोग से गोमूत्र की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि गोमूत्र से फिनाइल, प्लास्टिक और बायोलॉजिकल खाद बनाने की योजना है, जिससे न केवल अध्येताओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर विभाग बनाया जा सकेगा, बल्कि बायोलॉजिकल उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। महाकुंभ क्षेत्र में आयोजित होने वाली विभाग की बैठक में 2022 की टैग नीति में बदलाव पर भी सहमति बन सकती है।यूपी को बनाए जाने वाले देशों का दुग्ध उत्पाद केंद्रसरकार इसे नई औद्योगिक नीति और खाद्य सागर नीति के समतुल्य बनाने का निर्णय ले सकती है, ताकि सामुहिक उद्योग को और अधिक बढ़ावा मिले। इसके तहत एनएचडीबी को 10 साल के लिए रोजगार का निर्णय लिया जा सकता है, जिससे प्रदेश के दुग्ध संघों को जगह मिल सके। बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, अगले पांच वर्षों में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के संकल्प के साथ सरकार ने बेरोजगारी को आगे बढ़ाया, जिससे उत्तर प्रदेश में देश का दुग्ध उत्पादन केंद्र बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।