अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकता है विश्व का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट
देश की राजधानी दिल्ली से बेहद करीब ग्रेटर नोएडा (यूपी) में बनने वाले विश्व के चौथे सबसे बड़े जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकता है। इस तरह की मांग न केवल भाजपा कार्यकर्ता कर रहे हैं, बल्कि अब पार्टी के बड़े नेताओं ने भी ऐसी ही मंशा जाहिर की है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने भी जागरण संवाददाता से बातचीत में कबूल किया था कि जेवर के ग्रामीणाेें ने भी अाग्रह किया है कि एयरपाेर्ट का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर दिया जाए। हालांकि, इसपर अभी फैसला नहीं हुअा है।
इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्री और गौतमबुद्धनगर के सांसद महेश शर्मा ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा था- ‘मुझे विश्वास है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी के पहले सप्ताह में जेवर एयरपाेर्ट का शिलान्यास हाे जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री से बात हुई है। हम चाहेंगे कि जेवर एयरपाेर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री जी के हाथाें हाे।’
अमेरिका-सऊदी अरब में ही इससे बड़े एयरपोर्ट
इस मामले में पड़ोसी देश चीन कहीं नहीं ठहरता है, जबकि सऊदी अरब और अमेरिका के दो एयरपोर्ट के बाद इसका नंबर होगा। अब तक बेहतरीन और बड़े एयर पोर्ट में इन्हीं दोनों देशों के एयर पोर्ट को शुमार किया जाता था।
आजीआइ एयरपोर्ट से दोगुना होगा जेवर एयरपोर्ट
आइजीआइ के बाद दिल्ली-एनसीआर के जेवर इलाके में दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण प्रस्तावित है। संचालन शुरू होने के साथ जेवर एयरपोर्ट के नाम देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो जाएगा।
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (आइजीआइ) क्षेत्रफल के लिहाज से जेवर से काफी पीछे रह जाएगा। आइजीआइ का क्षेत्रफल 2066 हेक्टेयर है। नवी मुंबई में बनने जा रहे एयरपोर्ट का क्षेत्रफल भी 2320 हेक्टेयर है, जबकि जेवर एयरपोर्ट पांच हजार हेक्टेयर में बनेगा।
जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 2050 तक सालाना बीस करोड़ यात्री हवाई सफर करेंगे। इस मामले में भी जेवर एयरपोर्ट आइजीआइ को पीछे छोड़ देगा। आइजीआइ से वर्तमान में छह करोड़ यात्री सालाना हवाई सफर करते हैं। 2022-23 तक यात्री संख्या बढ़कर दस करोड़ सालाना अधिकतम होने का अनुमान है। इसके बाद यहां यात्री संख्या बढ़ाने की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।
पांच साल बाद शुरू हो जाएंगी उड़ानें
जेवर एयरपोर्ट से विमान सेवाओं का संचालन भी 2023-24 में शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में जेवर से आठ करोड़ सालाना यात्रियों के हवाई यात्रा करने का अनुमान है। साल दर साल यात्री संख्या में इजाफा होगा। आइजीआइ की क्षमता पूरी होने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाओं के बढ़ने के साथ यात्री संख्या भी बढ़ेगी।
पहले चरण में तीन हजार हेक्टेयर में होगा
जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण तीन हजार हेक्टेयर का होगा। इसमें दो रनवे तैयार किए जाएंगे। एक रन वे जहाजों के उड़ान भरने व दूसरा उतरने के लिए होगा। यात्रियों का दबाव बढ़ने एवं उड़ान संख्या बढ़ने पर विस्तार का दूसरा चरण होगा। हालांकि आइजीआइ पर तीन रनवे से जहाज उड़ान भरते व उतरते हैं।
कनेक्टिविटी के मामले में भी होगा बेजोड़
जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी बेजोड़ होगी। ग्रेटर नोएडा से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मेट्रो और पॉड से जोड़ने की भी योजना है। दो ओर से यमुना एक्सप्रेस वे और पलवल खुर्जा एक्सप्रेस वे से जुड़ा होगा। अन्य दो साइट में 130 मीटर सड़क व सौ मीटर चौड़ी सड़क से कनेक्टिविटी दी जाएगी। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट पहुंचने किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।