प्रदूषण से बेहाल दिल्ली आज हो सकती है कृत्रिम बारिश
प्रदूषण से बेहाल दिल्ली को बचाने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की फिलहाल सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। अब सिर्फ बादलों पर निगाहें टिकी हुई है, जिसके गहराते ही दिल्ली में कभी भी बेमौसम बारिश का यह नजारा देखने को मिल सकता है। यह दावा इसलिए भी है, क्योंकि इस काम को अंजाम देने के लिए इसरो का हैदराबाद से विशेष विमान मंगलवार देर रात ही दिल्ली पहुंच आएगा। वहीं आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की टीम भी बुधवार को सुबह-सुबह ही दिल्ली में दस्तक दे देगी। जो अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में ही रहेगी।
इसी बीच मौसम के पलपल बदल रहे मिजाज को देख आईआईटी के वैज्ञानिकों को भरोसा है, कि यह स्थिति अगले 24 घंटे में कभी भी बन सकती है। उनके मुताबिक यदि 13 नवंबर जैसे बादल भी दिल्ली के ऊपर दिखे, तब भी वह अपने काम को अंजाम दे देंगे। बता दें कि कृत्रिम बारिश के लिए बादलों की मोटी परत होनी जरूरी है, क्योंकि वैज्ञानिकों की ओर से बादलों की इसी चादर पर ही रसायनों का छिड़काव किया जाता है। जो बाद में पानी की बूंदों में तब्दील होकर जमीन पर बरस पड़ते है।
प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के इस अभियान में जुटे अधिकारियों के मुताबिक इस अभियान को अंजाम देने के लिए फिलहाल दिल्ली-एनसीआर के तीनों एयरपोर्ट, सफदरगंज, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और हिंडन एयरफोर्स स्टेशन तीनों को ही तैयार रखा गया है। हालांकि किस एयरपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा, इसका फैसला हवाओं के रूख और बादलों के जमघट को देखकर किया जाएगा।
इसरो के विमान में यह होगी खासियतें
कृत्रिम बारिश के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने इसरो का जो विमान लिया है, वह दूसरे विमानों से अलग है। आईआईटी कानपुर ने इसको कृत्रिम बारिश कराने के लिए इनमें विशेष रूप से कई बदलाव किए है। जिसकी मदद से वह बादलों के बीच में जाकर आसानी से रसायनों का छिड़काव कर सकते है। यह रसायन सिल्वर आयोडाइड और सूखी बर्फ का मिश्रण होता है। दूसरे विमानों में फिलहाल ऐसी व्यवस्था नहीं है। आईआईटी कानपुर पहले भी इस विमान की मदद से कई सफल परीक्षण कर चुका है।