राजधानी का ज्ञान भवन गुरुवार की शाम एक बार फिर ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनेगा। मौका होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर बिहार में राजग के घटक दलों के भाईचारा भोज का। आयोजन की मेजबानी भाजपा करेगी, लेकिन इसमें जदयू, लोजपा एवं रालोसपा के तमाम वरिष्ठ-कनिष्ठ नेता शिरकत करेंगे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय और संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ ने सहयोगी दलों के नेताओं को स्वयं आमंत्रित किया है। राजग गठबंधन में जदयू की वापसी के बाद यह पहला बड़ा आयोजन है। लोजपा एवं रालोसपा के साथ भी ऐसा आयोजन भाजपा पहली बार करने जा रही है।
महत्वपूर्ण यह कि केंद्र सरकार के चार वर्ष और राजग में दूसरी बार जदयू के शामिल होने के बाद बिहार में अभी तक भाजपा, जदयू, लोजपा और रालोसपा नेताओं के बीच भोज का आयोजन है।
बिहार में 2013 में राजग से जदयू के अलग होने के बाद से प्रदेश संयोजक का पद भी खाली है। बिहार में राजग के आखिरी संयोजक वरिष्ठ भाजपा नेता नंद किशोर यादव थे। उसके बाद 2014 में लोकसभा एवं 2015 में विधानसभा के चुनाव होने के बावजूद यह पद खाली रहा।
अब 2019 की तैयारी है। केंद्र की राजग सरकार 26 मई को चार वर्ष पूरे कर चुकी है। चुनावी सरगर्मी के बीच भाजपा ने केंद्र की चार सालों की उपलब्धियों को आम अवाम तक पहुंचाने की विशेष रणनीति बनाई है। ऐसे में भाजपा शासित राज्यों में इसके लिए विशेष आयोजन किए जा रहे हैं।
दिग्गज बनेंगे गवाह
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान एवं उपेंद्र कुशवाहा के अलावा बिहार भाजपा से केंद्रीय मंत्री कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। भोज में शाकाहारी भोजन एवं फास्ट फूड की व्यवस्था है।
कौन-कौन बुलाए गए
भोज में राजग के सभी घटक दलों के बिहार से जुड़े राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, सांसद, विधायक और विधान पार्षदों को न्योता दिया गया है। प्रदेश भाजपा की ओर से करीब डेढ़ हजार से अधिक लोगों की खातिरदारी की व्यवस्था की जा रही है।