जाकिया जाफरी की याचिका पर जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
2002 के गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई टाल दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह तक टाली है. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील की शुरुआती दलीलें सुनने के बाद सुप्रीमकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने की सहमति दे दी थी. यह सुनवाई जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ को करनी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ यह याचिका 2002 में गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस के सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने और कथित सामाजिक कार्यकर्ता तीसता सीतलवाड ने दायर की है. याचिका में आरोप है कि गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अपने नेताओं के साथ बातचीत में दंगों को शह देने का रवैया अपनाया था.
यह याचिका पहले गुजरात हाईकोर्ट में भी दायर हुई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद याचिकाकर्तों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है. गुजरात दंगों की जांच के लिए SIT बनी थी, जिसने दंगों की जांच में नरेंद्र मोदी की किसी भी तरह की भूमिका होने के आरोपों को खारिज करते हुए मोदी को क्लीन चिट दे दी थी.
दरअसल, पिछले साल गुजरात हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त एसआइटी की जांच रिपोर्ट में पीएम मोदी और 59 अन्य को क्लीनचिट दिए जाने के फैसले को बरकरार रखते हुए 2002 के गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार मामले में जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया था. साथ ही उन्हें आगे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने को निर्देशित किया था. जकिया ने पांच अक्टूबर, 2017 के गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले को भी खारिज करने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की है.