जा रहे थे जन्मदिन मनाने, लेकिन एक पल में सब खत्म हो गया
ठंड के साथ रात को धुंध की आशंका के चलते इस बार नारवे परिवार में कोई भी अजमेर जाना नहीं चाह रहा था। पर राहुल अपनी मां का इकलौता बेटा था, जब उसने अपने जन्मदिन पर हर बार की तरह अजमेर में ही सेलिब्रेट करने की जिद की तो सभी को मानना पड़ा। हर बार उसके दोस्त भी साथ जाते थे, लेकिन इस बार जिससे भी उसने पूछा उसने जाने से मना कर दिया।
जिस पर उसने अपने मौसा महेश वरुण व मौसी को कसम खिलाकर साथ ले लिया। पर कोई नहीं जानता था कि अनहोनी रास्ते में उनका इंतजार कर रही है।
परिवार में छोड़ गया पत्नी और बेटा
राहुल इकलौता बेटा था। जब उसकी 7 साल की उम्र थी, तब उसके पिता दिनेश नारवे का देहांत हो गया था। उसके बाद से उसने ही अपने पूरे घर को संभाला। इस हादसे में उसकी मां मधु, बेटा परम और वह खुद नहीं रहा। घर में वह पत्नी रंजना व 5 साल के बेटे छोटू को छोड़ गया है। हादसे में पति की मौत के बाद रजना का बेसुध हो गई है।
महेश पीछे छोड़ गए 3 बेटियों की जिम्मेदारी
राहुल के साथ हादसे में उसके मौसा महेश वरुण की भी मौत हुई है। जबकि मौसी रमा की हालत बेहद नाजुक है। वह जयपुर में भर्ती हैं। महेश मोतीमहल स्थित कृषि विभाग के दफ्तर में क्लर्क हैं। वह अपने पीछे तीन बेटियों नेहा (22), निशा (20), निकिता (14) दो बेटों अभय (18) व अकाश (8) की जिम्मेदारी छोड़ गए हैं। अभी हाल ही में चुनाव ड्यूटी में वह लगे थे। इसके बाद उन्हें बेटी के लिए रिश्ता देखने जाना था। सोचा था अजमेर से लौटकर जाएंगे।
रोशन जाना नहीं चाहता था, पर राहुल जिद कर ले गया
हादसे में जान गंवाने वाला रोशनलाल जाटव राहुल की दुकान पर कर्मचारी है। वह अजमेर जाना नहीं चाहता था। उसने बहाना भी बनाया कि उसके जूते फट गए हैं, इसलिए नहीं जा पाएगा। शनिवार सुबह ही राहुल ने उसे नए जूते दिलाए और जाने के लिए मना लिया। शायद किस्मत में राहुल के साथ उसका जाना लिखा था। रोशन भी परिवार में 4 बेटियां शैली (13), पूनम (9), अर्चना (8) बर्षा (6 माह) बेटा मोहित (4) को छोड़ गया है। जब उसकी मौत की खबर घर पहुंची तो मानों पूरे परिवार पर कहर टूट पड़ा हो। रोशन ही घर में अकेला कमाने वाला था। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उस पर थी।
कांग्रेस नेता मुन्नालाल पहुंचे परिवार से मिलने
घटना की सूचना मिलते ही अपने कार्यकर्ता के परिवार को ढांढस बंधाने कांग्रेस नेता मुन्नालाल गोयल, पुरुषोतम बनोनिया राहुल केघर पहुंचे। उसके परिवार से मिले। इस घड़ी में उनके साथ होने का विश्वास दिलाया।