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विक्रमसिंघे ने संसद में किया बहुमत साबित, सिरीसेना को झटका

श्रीलंका के बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को संसद में जबर्दस्त तरीके से बहुमत साबित कर दिया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि 225 सांसदों में से 117 ने उनके नेतृत्व में विश्वास प्रस्ताव पारित किया है। यहां बता दें कि पिछले दिनों श्रीलंका में सिरीसेना का विरोध भी जोरोंशोरों से हुआ था। वहीं विश्वास प्रस्ताव को मंजूरी राष्ट्रपति सिरीसेना के लिए झटका है, जिन्होंने व्यक्तिगत पसंद-नापसंद के कारण विक्रमसिंघे को दोबारा प्रधानमंत्री नियुक्त करने से इनकार कर दिया था। वहीं संसद में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे अब तक बहुमत साबित करने में नाकाम रहे हैं। 

यहां बता दें कि मुख्य तमिल अल्पसंख्यक पार्टी टीएनए ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना मतदान से दूर रही। यदि जेवीपी के छह सांसद पक्ष में मतदान करते तो संसद में विक्रमसिंघे की स्थिति और मजबूत होती।

बता दें कि श्रीलंका में राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब सिरीसेना ने 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद से रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर उनकी जगह राजपक्षे को नियुक्त किया था। लेकिन संसद और सुप्रीम कोर्ट ने सिरीसेना के फैसलों को पलट दिया। नतीजतन देश में राजनीतिक संकट की स्थिति पैदा हो गई।

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