लोनावला की मशहूर मगनलाल चिक्की पर FDA ने लगाई रोक,
महाराष्ट्र का फेमस हिल स्टेशन लोनावला जितना मशहूर है अपनी खूबसूरती के लिए उतना ही मशहूर चिक्की के लिए भी है. यहां आने वाले सैलानी जमकर चिक्की खाते भी हैं और अपने दोस्तों के लिए पैक कर ले भी जाते हैं. लोनावला में चिक्की बनाने वाली कई छोटी-बड़ी कंपनियां है मगर सबसे पॉपुलर ब्रांड है मगनलाल की चिक्की. हैरानी की बात यह है कि महाराष्ट्र FDA ने मगनलाल की चिक्कियों को सेहत के लिए हानिकारक माना है और इसपर रोक लगा दी है.
जानकारी के मुताबिक, लोनावला की मशहूर मगनलाल चिक्की के नागरगांव प्लांट में रोजाना दो हजार किलो से ज्यादा चिक्की का उत्पादन होता था. लेकिन बीते मंगलवार (11 दिसंबर) से यहां चिक्की बननी बंद हो गई है. दरअसल, महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानि महाराष्ट्र FDA को रूटीन चेकिंग के बाद नागरगांव प्लांट में कई अनिमितताएं मिलीं. FDA का कहना है कि प्लांट में लंबे वक्त से सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी की जा रही थी. चिक्की बनाने वाली जगह बेहद गंदी थी. यहां के अधिकारियों को पता भी नहीं पता था कि चिक्की बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा पानी पीने लायक है भी या नहीं.
FSSAI का निर्देश है कि किसी भी फूड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के पास NABL से अप्रूव्ड टेस्टिंग लैब होना जरूरी है. ताकि समय समय पर फूड आइटम्स की जांच की जा सके. लेकिन लगभग 100 करोड़ के टर्नओवर वाले मगनलाल चिक्की के पास ना खुद की लैब थी और ना ही यहां बनने वाली चिक्कियों को दूसरे किसी लैब भेजा जाता था. मगनलाल ब्रांड्स के तहत चिक्की के अलावा, जेली और फज केक भी बनते हैं. हाल ही में कंपनी ने इन चीजों की ऑनलाइन डिलिवरी का काम भी शुरू किया था. लेकिन फिलहाल इसके पूरे प्रोडक्शन पर ब्रेक लग गया है.
जांच के बाद महाराष्ट्र FDA ने नागरगांव प्लांट से चिक्की बनाने और बेचने पर रोक लगा दी है. कंपनी को जल्द से जल्द सभी कमियों को दूर करने को कहा गया है. लगभग 100 साल पुरानी मगनलाल चिक्की प्लांट में कमियां पाए जाने के बाद अब FDA लोनावला के सभी चिक्की बनाने वालों की जांच करने की बात भी कह रही है.