4 लाख लोगों को दे रहे गंदा पानी, नपा ने 6 महीने से नहीं कराई जांच
शहर में यहां आ रहा गंदा पानी
शहर में हाउसिंग कॉलोनी नयापुरा, खिड़किया मोहल्ला, छोटी माता गढ़ैया, पुरानी बस्ती, वीरेन्द्र वाटिका, भवानीपुरा, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, वाटरवर्क्स, भीमनगर, ब्लॉक कॉलोनी, सैनिक कॉलोनी, आर्यनगर, गांधी नगर, बरूआ नगर, सुभाष नगर, राजहोली, सदर बाजार, टीकाराम वाली गली के अलावा गोहद के वार्ड नहर मोहल्ला, इटायली गेट, बाबा कपूर की गली, वार्ड 6 कोट का कुआं, साहू वाली गली, सती बाजार सहित करीब 40 हजार लोग गंदा पानी पिला रही है।
18 महीने से नहीं कराई जांच
शहर में भिंड नगर पालिका ने अप्रैल 2017 में जांच कराई थी। गोहद नपा ने भी इसी महीने अप्रैल 2017 ने जांच कराई थी। इसके अलावा आलमपुर, दबोह, मिहोना और अकोड़ा नगर परिषद ने भी एक साल से जांच नहीं कराई है।
गंदे पानी से यह होती है परेशानी
– गंदा पानी पीने से पेट दर्द, आंत में सूजन के साथ इन्फेक्शन हो जाता है।
– पीलिया, डायरिया होने के साथ टायफाइड बुखार आ जाता है।
– पेचिस और आंत्र शोध जैसी गंभीर बीमारी भी हो जाती है।
– गंदे पानी के नहाने से खुजली और एलर्जी संबंधी बीमारी हो जाती है।
– बाल झड़ने की समस्या आती है।
(डॉ अजीत मिश्रा, सिविल सर्जन के मुताबिक)
ऐसे करें बचाव
– पीने के पानी को पहले आधा घंटे उबाले, फिर ठंडा कर पिएं।
– घर में ऑरो या फिल्टर लगवाएं।
– पीने के पानी में क्लोरिन डाले।
जागरूकता की कमी
जल परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी बीपी शर्मा की मानें तो जिस पानी को हम पीते हैं, उसकी जांच नियमानुसार प्रत्येक महीने होनी चाहिए। लेकिन शहर में जागरूकता की कमी है। जबकि पानी की जांच कराने के लिए लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास होना चाहिए। इससे लोग निजी स्त्रोतों के पानी की जांच कराकर अशुद्धि होने पर उसका निराकरण कर सके। शहर में लोग दूषित पानी की जांच इटावा रोड स्थित पीएचई में जल परीक्षण की प्रयोग शाला में निर्धारित फीस जमा कर करा सकते हैं।
पानी में कौन सा तत्व कितनी मात्रा में होना चाहिए
गुण नाप यूनिट न्यूनतम अधिकतम
मटमैलापननिफैलो टर्बिडिटी यूनिट 1.05.0
कठोरतामिली ग्राम प्रति लीटर 300 600
क्षारीयता मिली ग्राम-प्रति लीटर-200 600
क्लोराइडमिली ग्राम प्रति लीटर 250 1000
आयरनमिली ग्राम प्रति लीटर 0.3 1.0
फ्लोराइडमिली ग्राम प्रति लीटर1.0 1.5
सल्फेटमिली ग्राम प्रति लीटर 200 400
नाइट्रेटमिली ग्राम प्रति लीटर 45 45
टीडीएस—500 2000
इनका कहना है
शहर में लोग पीने के पानी की जांच कराने बहुत कम आते हैं, जबकि नियमानुसार जांच हर महीने करानी चाहिए। भिंड और गोहद नगरीय निकाय ने अप्रैल 2017 में पानी की जांच कराई थी।
-बीपी शर्मा, प्रभारी जल परीक्षण प्रयोगशाला
शहर में लोगों को शुद्ध और स्वच्छ पानी मिले यह हमारी प्राथमिकता है। पानी की जांच कब से नहीं कराई है। इसकी हम जानकारी करते हैं, वैसे हमने जलकर शाखा के इंजीनियर को हर 6 माह में पानी की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।