जम्मू कश्मीर

पेड़ों को भी लगती है सर्दी, रखे इस तरह ख्याल

चूंकि अब सर्दियां पूरे आलम पर हैं। ठंड पूरजोर तरीके से पड़ रही है,इससे के बाग बगीचाें पर भी असर पड़ सकता है। बागवानी विकास अधिकारी डा. अमित सर्राफ ने किसानों को सलाह दी है कि ठंड के इस मौसम में बाग में लगे छोटे पेड़ों, पौधों को बचाने के लिए विशेष ध्यान देना होगा। बाग बगीचों में जो छोटे पौधे लगे हुए हैं उनको सूखी घास जैसे पराली से ढांपना होगा। इससे ठंड की थपेड़ों से पौधे बच जायेंगे। बागवानी विभाग ने भी इन दिनों इस तरह की मुहिम आरंभ की गई है। बागवानी करने वाले किसानों को चाहिए कि पौधे बचाने की दिशा में गंभीरता दिखाए। वहीं पौधों के असापासकी मिट्टी को साफ सुथरा रखा जाए और डीएपी खाद की ड्रेसिंग दी जाए। बस अगले तीन सप्ताह तक पौधों को ठंड से बचाए जाने की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर बड़े पेड़ के लिए हेड बैक आपरेशन किया जाना चाहिए। इसके तहत पेड़ के सेंटर में उपर जाने वाली शाखाओं को काटा जाता है ताकि धूप पेड़ के अंदर तक आ सके। वैसे भी बड़े पेड़ों की शाल तराशी की जानी चाहिए यानि की पुरानी ठहनियों की कांट छांट की जाए। ठंड के इन दिनों में समय समय पर पेड़ पौधों को पानी देते रहें, इससे जमीन का तापमान उचित बना रहेगा।

नए पौधे एेसे लगाएंः आडू व नाशपाती लगाने का सीजन अब जनवरी माह से अारंभ होने वाला है। ऐसेे में पौधे लगाने की तैयारी अभी से आरंभ कर दी जानी चाहिए। एक वाई एक मीटर का खड्डे जमीन में बनाते जाएं। उसमें से मिट्टी बाहर निकालें और कुछ दिन धूप लगने दें ताकि जमीन में पनपे कीट खत्म हो जाएं। जमीन में कीट मारने की दवाएं भी डाली जा सकती हैं। बाद में उपरी परत की मिट्टी को खड्डे में सबसे नीचे डाला जाए ताकि जमीन के निचले हिस्से की मिट्टी उपर आ सके। मिट्टी में देसी खाद मिलाई जाए। अब आपके यह खड्डे पौधे लगाने के लिए तैयार हैं। जैसे ही जनवरी माह आएगा पौधे लगा देने चाहिए।

अब गेहूं की बिजाई अंतिम दौर मेंः वैसे जिन किसानों ने गेहूं की बिजाई कर दी है, उनको तो काम से राहत मिल गई है। मगर जिन किसानों का काम बचा हुआ है, पर काम का बोझ व तनाव और बढ़ जाएगा। क्योंकि बिजाई का सीजन बिल्कुल अंतिम दौर में पहुंच गया है।अगले एक डेढ़ सप्ताह में बचा खुचा काम निपट जाना चाहिए नही तो पौधों के विकास ठीक से नही हो पाएगा। 10 जनवरी से पहले पहले किसान बिजाई को हर हाल में निपटा लें। देरी से लगने वाली गेंहू बाद में ठीक से पनप नही पाती और पैदावार भी कम देती है। जिन किसानों ने अभी तक बिजाई नही की है, महज लेट वैरायटी के ही बीज का चुनाव करें। कृषि विशेषज्ञ अमरीक सिंह ने बतााया कि काराज 4083 व राज 3777 वैरायटी के बीज इन दिनों लगाने चाहिए। यहबीज कृषि विभाग के केंद्रों पर आसानी सेउपलब्ध हैं। बिजाई लेइ सोइंग तरीके से हो और इसके लिए सीड ड्रिल का इस्तेमाल किया जाए। जहां जमीन समतल नही वहां पर बीज छिटक कर डाले जा सकते हैं। बिजाई के दौरान यूरिया खाद डालें। एक कनाल भूमि के लिए पांच किलो यूरिया खाद चाहिए जोकि बिजाई के समय आधी डाली जानी है। बाकी बची खाद अगले 35 दिनों बाद डाली जानी है। वहीं बिजाई के समय डीएपी व एमओपी खाद भी डाली जाए।

मौसम रहेगा सामान्यः अब आने वाले दिनों में मौसम सामान्य रहेगा। बारिश के आसार नही हैं। हालांकि आसमान धूप खिलेगी और बादल भी नजर आएंगे। मगर अभी बारिश की उम्मीद नही। दिन का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा जबकि रात का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तकचला जाएगा। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान मौसम को देखते हुए खेती के काम को निपटाएं।

मशरूम के लिए तापमान करें नियंत्रितः चूंकि मौसम में ठंडक बढ़ गई है। ऐसे में मशरूम उत्पादकों को खेती को लेकर सचेत रहना होगा और तापमान को बनाए रखना होगा। इन दिनों शेर के अंदर का तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। चूंकि दिन में धूप रहने से तापमान तकरीबन ठीक है मगर रात को पारा गिर जाने से परेशानियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में मशरूम के शेड में एक दो बल्ब जलाएं। अगर फिर भी तापमान नियंत्रण में न आए तो शेड में पानी की बाल्टी में राड लगाए और भाव से तापमान को सामान्य बनाने का प्रयास करें। मगर सूखी राड या हीटर कदापि न चलाएं। वहीं मशरूम को पानी सुबह 11 बजे बाद ही दिन दिया जाए। शाम तीन बजे बाद भी पानी देना ठीक नही। मशरूम के सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट अमन ज्योति का कहना है कि दिन के समय पानी देना ही ठीक रहेगा। मगर उसके बाद फसल को हवा लगवाने के लिए खिड़कियां व दरबाजे खुले रखने चाहिए।

किसानों के लिए कुछ खास बातें:

  • इन दिनों माल मवेशियों को ठंडा नही गुनगुना पानी पिलाएं।
  • मवेशियों के शेड की खिड़कियों को रात के समय टाट, बोरी आदि से ढांप कर रखें। छोटी बछड़ी या दूसरे छोटे जानवरों पर चद्दर, बोरी आदि डाली जाए ताकि उनको ठंड से बचाया जा सके।
  • फसलों को समय समय पर पानी देते रहें, इससे जमीन का तापमान सामान्य रहेगा।
  • मधुमक्खी की कालोनियों को इन दिनों अखबार से ढांप कर रखें तो वहीं मधु मक्खियों को चीनी के घोल की खुराक दी जाए।
  • -पोल्ट्री फार्म में तापमान सामान्य बनाने के लिए बंदोबस्त हों। वहीं आसपास साफ सफाई होनी चाहिए।

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