हार्दिक पांड्या-केएल राहुल ही नहीं, बल्कि पूरी टीम की काउंसलिंग कराएगा BCCI
दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है.’ हार्दिक पांड्या और केएल राहुल के मामले में बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) कुछ इसी तर्ज पर आगे बढ़ रही है. विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए (CoA) ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए व्यवहार के स्तर पर काउंसिलिंग लेने का सुझाव दिया है.
हार्दिक पांड्या और केएल राहुल ने एक टीवी प्रोग्राम में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. बीसीसीआई (BCCI) ने इस मामले की जांच पूरी होने तक दोनों खिलाड़ियों को निलंबित कर दिया है. दोनों खिलाड़ियों के भविष्य का फैसला सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त लोकपाल करेंगे. व्यवहार काउंसिलिंग कार्यक्रम में सभी उम्र के राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा.
इस मामले से जुड़े बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘भारतीय सीनियर टीम के साथ ए टीम और अंडर-19 टीमों के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में व्यवहार काउंसिलिंग का आयोजन किया जाएगा. इस काउंसिलिंग में पेशेवर खिलाड़ियों से जुड़े हर पहलू को शामिल किया जाएगा. इसमें लैंगिक संवेदनशीलता पर सेशन भी शामिल है.’
उनसे जब पूछा गया कि क्या राहुल और पांड्या के लिए अलग से लैंगिक संवेदनशीलता सेशन का आयोजन किया जाएगा तो उन्होंने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘राहुल और पांड्या के लिए अलग से किसी सेशन का आयोजन नहीं होगा. पूरी भारतीय टीम इस सेशन का हिस्सा होगी. केन्द्रीय अनुबंध का हिस्सा होने के नाते ये दोनों खिलाड़ी भी इसमें शामिल होंगे.’
बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने सुझाव दिया था कि युवा खिलाड़ियों के लिए लैंगिक संवेदनशीलता कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए, ताकि वे ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें. सीनियर टीम का कार्यक्रम काफी व्यस्त है, लेकिन वे कुछ सेशन में शामिल होंगे. ये सेशन अंडर-19 क्रिकेटरों के लिए ज्यादा उपयोगी होगा. इनमें से कई ऐसे क्रिकेटर हैं जिनके लिए आईपीएल में करोड़ों की बोली लगी है.
एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘17 साल के प्रभ सिमरन सिंह (किंग्स इलेवन पंजाब, 4.8 करोड़) और प्रयास राय बर्मन (रॉयल चैलेंजर बेंगलुरू, 1.6 करोड़) जैसे खिलाड़ी बिना कोई रणजी मैच खेले ही रातों रात करोड़पति बन गए. ऐसे में कोच की व्यवस्था होनी चाहिए जो उनकी काउंसिलिंग कर सके.’
अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि व्यक्तियों का एक समूह प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन करेगा या यह काम किसी विशेष कंपनी को दिया जाएगा. यह भी पता चला है कि सीईओ राहुल जौहरी के लिए लैंगिक संवेदनशीलता कार्यक्रम की सिफारिश करने वाली वकील वीना गौड़ा से ऐसे सेशन आयोजित करने के लिए कंपनी या व्यक्ति के नाम सुझाने का अनुरोध किया है.