गुरुग्राम में इमारत ढहने से 7 लोग दबे, 10 घंटे बाद एक-एक कर निकाले जा रहे शव
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में बृहस्पतिवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ है। जिले के उल्लाहवास गांव में चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई, जिसमें 8 लोग दब गए। सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचीं स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (National Disaster Response Force) की तीन टीमें मलबा हटाने में जुटी हुई है। इस आस में कि मलबे में सभी आठों जिंदगियां मिल जाएं। इस बीच एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया है।
शुरुआत में आई थी सात लोगों की मरने की सूचना
जानकारी के मुताबिक, बृहस्पतिवार सुबह चार मंजिला इमारत का मलबा प्रथम तल पर रह रहे आठ लोगों पर 5:30 बजे अचानक भरभराकर गिर पड़ा। इससे वहां पर चीखपुकार मच गई। शुरुआत में कि हादसे में सात लोगों के मरने की बात सामने आई। वहीं, पुलिस प्रशासन की ओर से किसी के भी मरने की पुष्टि नहीं की जा रही है। चार मंजिला इमारत के बुरी तरह ढहने के मद्देनजर अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद ही किसी के बचने की उम्मीद बची हो। कहा जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व ही इस इमारत के भूतल में रहने वाला एक परिवार यहां से चला गया वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
जानकारी के मुताबिक, सूचना पर स्थानीय पुलिस, दमकल कर्मियों ने तत्काल राहत व बचाव का काम तेज कर दिया, लेकिन अभी तक किसी को मुर्दा या जिंदा नहीं निकाला जा सका है। दैनिक जागरण संवाददाता के मुताबिक, बृहस्पतिवार सुबह 5:30 बजे गुरुग्राम के उल्लाहवास गांव में अचानक ही 4 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई। मलबे में दबे सभी 8 लोग हादसे के दौरान वहां मौजूद थे, जिनमें से सात लोगों की मौत की आशंका है। वहीं, प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, इमारत ढहते ही इसके मलबे में आठ लोग दब गए, जिन्हें निकालने के लिए प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (National Disaster Response Force) की तीन टीमें मौके पर पहुंची है और राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया गया है।
पता चला है कि जहां हादसा हुआ वहा दयाराम का मकान है। 180 वर्ग गज तीन मंजिल पर बने हुए चौथी मंजिल का लेंटर बुधवार को डाला गया था, पुरानी बिल्डिंग इसका भार नहीं झेल पाई और ढह गई।
इस निर्माणाधीन इमारत की चपेट में आसपास की इमारतें भी आ गई हैं जिन्हें काफी नुकसान हुआ है। जेसीबी से मलबे को हटाया जा रहा है। घटनास्थल पर काफी संख्या में लोग जमा हो गए हैं।
पहले भी हुए हैं इस तरह के हादसे
यह पहली बार नहीं, जब दिल्ली-NCR में इमारत ढही है। इससे पहले पिछले साल ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में एक इमारत ढह गई थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद इस पर काफी हो-हल्ला मचा था, लेकिन अब भी अवैध और नियमों को ताक पर रखकर इमारतों का निर्माण जारी है।
कब बनी एनडीआरएफ
26 दिसंबर 2005 को आपदा मोचन एक्ट के आधार पर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी बनाई गई। जिसकी योजना, नीतियों और गाइडलाइंस के आधार पर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) का गठन किया गया. जो प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से एक्सपर्ट के रूप में तुरंत रिस्पांस दे सकें। वर्ष 2006 में आठ बटालियनों के साथ एनडीआरएफ को गठित किया गया। एनडीआरएफ का मतलब नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स यानि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल। भारत में 90 के दशक के आखिर में एक ऐसी फोर्स की जरूरत महसूस होने लगी, जो तमाम तरह की आपदाओं में जाकर लोगों को बचा सके।