भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस ने 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की जमकर आलोचना की। साथ ही आरोप लगाया कि अमेरिकी लोकतंत्र सबसे संकट के दौर से गुजर रहा है।
हैरिस ने कहा कि हम हमारे देश के इतिहास में एक नए मोड़ पर हैं। हम यहां इसलिए हैं क्योंकि अमेरिकी सपने और अमेरिकी लोकतंत्र पर इस तरह पहले कभी हमला नहीं हुआ। उन्होंने ट्रंप का नाम लिए बिना कहा कि वह हमारा अमेरिका नहीं है, जहां हमारे नेता स्वतंत्र प्रेस और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करते हैं।
हैरिस ने कहा कि अमेरिकियों को नस्लवाद, लैंगिक भेदभाव, यहूदी विरोधवाद और एलजीबीटी समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह जैसी देश की समस्याओं को लेकर ईमानदार बनने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के साथ लगती मैक्सिको की सीमा पर दीवार बनाने की योजना को लेकर ट्रंप को आड़े हाथों लिया। कैलिफोर्निया के ओकलैंड में जन्मीं कमला भारत की रहने वाली श्यामला गोपालन और जमैका मूल के अमेरिकी नागरिक डोनाल्ड हैरिस की संतान हैं। कमला की मां श्यामला गोपालन 1960 में चेन्नई से अमेरिका आ गई थीं।
मां के चलते लड़ने का हौसला मिला
कमला ने रैली के दौरान कहा कि उन्हें अपनी मां के चलते लड़ने का हौसला मिला। उन्होंने पढ़ाई के लिए तमिलनाडु से अमेरिका आई अपनी मां श्यामला गोपालन के संघर्ष के जज्बे को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा। उन्होंने अपने गृहनगर ओकलैंड में 30 मिनट के अपने प्रभावशाली भाषण में कहा कि मेरी मां कहती थीं कि हाथ पर हाथ रखकर बैठने और शिकायत करने से काम नहीं चलेगा। कुछ करो। 54 वर्षीय हैरिस ने करीब 20,000 लोगों की भीड़ के सामने कहा कि अपनी मां से मिले संघर्ष के जज्बे के साथ, मैं आज आपके सामने खड़े होकर अमेरिका के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा करती हूं। मैं इस चुनाव में इसलिए लड़ना चाह रही हूं, क्योंकि मैं अपने देश से प्रेम करती हूं।
पिछले हफ्ते की थी घोषणा
2016 में सीनेट में चुनी गई कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने की अपनी दावेदारी की घोषणा पिछले सप्ताह की थी। उन्हें नवंबर 2020 में होने वाले चुनाव में ट्रंप को हराने के इच्छुक डेमोक्रेटिक नेताओं की सूची में सर्वाधिक मत मिले हैं।
लेडी ओबामा के नाम से मशहूर
54 साल की कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं। भारत के साथ-साथ वह अफ्रीका से भी ताल्लुक रखती हैं। कमला कानून में स्नातक हैं और लोगों के हक में बात करती हैं। बराक ओबामा जैसी छवि के कारण लोग उन्हें लेडी ओबामा भी कहते हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी से चार महिलाओं ने पेश की दावेदारी
अभी तक डेमोक्रेटिक पार्टी की चार महिलाओं ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। हैरिस के अलावा सीनेटर एलिजाबेथ वारेन, कर्स्टन गिलीब्रैंड और कांग्रेस की सदस्य तुलसी गबार्ड ने दावेदारी पेश की है।
कांग्रेस की पहली हिंदू सदस्य होने का गर्व : तुलसी गबार्ड
अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य तुलसी गबार्ड ने उन आलोचकों को करारा जवाब दिया है जो राष्ट्रपति चुनावों के लिए डेमोक्रेटिक दावेदार पर एक हिंदू राष्ट्रवादी होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गैर-हिंदू नेताओं से कुछ भी न पूछने और अमेरिका के लिए उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाना दोहरे मापदंड को दिखाता है जो सिर्फ धर्मांधता से ही पैदा होता है।
अमेरिकी कांग्रेस में चुनी गईं पहली हिंदू महिला, गबार्ड ने रिलिजियस न्यूस सर्विसेज में एक संपादकीय में उनके, समर्थकों एवं दानकर्ताओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की व्याख्या, हिंदू अमेरिकियों की प्रोफाइलिंग करने एवं उन्हें निशाना बनाए जाने और बिना किसी आधार के उन्हें परेशान किए जाने के रूप में की है। 37 वर्षीय गबार्ड ने 11 जनवरी को घोषणा की थी कि वह 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी में दावेदारी पेश करेंगी। इस तीखे लेख में गबार्ड ने खुद को हिंदू राष्ट्रवादी बताए जाने के आरोपों की ओर इशारा किया। उन्होंने पूछा कि कल क्या मुस्लिम या यहूदी अमेरिकी कहोगे। जापानी, लातिन अमेरिका या अफ्रीकी अमेरिकी कहोगे।
गबार्ड ने कहा कि मेरे देश के प्रति मेरी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाना वहीं गैर-हिंदू नेताओं पर कोई सवाल नहीं करना, दोहरे मापदंड को स्पष्ट करता है जो केवल एक बात में निहित हो सकती है : ‘धार्मिक भेदभाव। मैं हिंदू हूं और वे नहीं।
मोदी से मुलाकात पर साध रहे निशाना
तुलसी ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरी मुलाकात को लेकर भी बार-बार मुझे निशाना बनाया जा रहा। जबकि राष्ट्रपति बराक ओबामा, विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस के मेरे कई साथी मोदी से मुलाकात और उनके साथ काम कर चुके हैं।
प्राइमरी चुनाव पहली सीढ़ी
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्राइमरी चुनाव के साथ जनवरी में शुरू होती है, जो कि जून तक चलती है। इस दौर में पार्टी अपने उन उम्मीदवारों की सूची जारी करती है, जो राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में उतरना चाहते हैं।
कॉकस
- इस प्रक्रिया का इस्तेमाल उन राज्यों में होता है जहां पर पार्टी का गढ़ होता है
- कॉकस में पार्टी के सदस्य हाथ उठाकर राष्ट्रपति उम्मीदवार का चयन करते हैं
- कॉकस प्रक्रिया अमेरिका के 10 राज्यों में अपनाई जाती है
प्राइमरी
- प्राइमरी चुनाव का तरीका ज्यादा परंपरागत है और इसमें आम नागरिक हिस्सा लेते हैं
- आम नागरिक मतदान के जरिए पार्टी को बताते हैं कि उनकी पसंद का उम्मीदवार कौन है
- 40 राज्यों में अमेरिका के प्राइमरी प्रक्रिया अपनाई जाती है
फिर डेलिगेट्स चुनते हैं उम्मीदवार
- प्राइमरी में चुने गए पार्टी प्रतिनिधि दूसरे दौर में पार्टी के सम्मेलन (कन्वेंशन) में हिस्सा लेते हैं
- कन्वेनशन में ये प्रतिनिधि पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं
- इसी दौर में नामांकन की प्रक्रिया होती है और पार्टियां राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनती हैं
राष्ट्रपति चुनाव जैसा ही प्रचार
- राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी हासिल करने लिए उम्मीदवार राष्ट्रपति चुनाव जैसा ही प्रचार करते हैं
- राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अलग-अलग राज्यों में रैलियां करके लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं
- इस दौरान सोशल मीडिया के जरिए भी मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जाता है
- साथ ही टेलीविजन पर उम्मीदवार बहस कर अपने आप को मजबूत दावेदार सिद्ध करते हैं