24 घंटे में अखिलेश ने किए 4 ट्वीट, कहा- ‘BJP ने 5 साल नहीं किया काम, अब दिखा रहे हैं 2030 का विजन’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को स्वतंत्र भारत का सबसे बेहतरीन बजट बताया. वहीं, सपा-बसपा ने मोदी कार्यकार के आखिरी बजत को बड़े वादों और दावों की जुमलेबाजी बताया समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिललेश यादव ने ट्वीट कर इसकी आलोचना की है. अपने ट्विटर अकांउट पर पिछले 24 घंटे में ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर वार करते हुए चार अलग-अलग ट्वीट किए हैं.
एक साल के बजट में दस साल आगे की झूठी बात है. बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों व श्रमिकों के लिए इसमें कुछ भी राहत नहीं है. पांच सालों की प्रताड़ना और पीड़ा के बाद देश के किसान, व्यापारी-कारोबारी, बेरोज़गार युवा अब भाजपा से मुक्ति चाहते हैं, दिखावटी ऐलान नहीं.
बजट के बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया और लिखा, ‘भाजपा सरकार ने पिछले 5 सालों में 5-5 किलो करके खाद की बोरियों से जो निकाला है, अब उसी को वो 6 हज़ार रुपया बनाकर साल भर में वापस करना चाहती है. भाजपा ने ‘दाम बढ़ाकर व वज़न घटाकर’ दोहरी मार मारी है. अगले चुनाव में किसान ‘बोरी की चोरी करने वाली भाजपा’ का बोरिया-बिस्तर ही बांध देंगे.’
शाम को अपने अपने ट्विटर अकांउट पर उन्होंने अंग्रेजी में एक ट्वीट किया और कहा ‘5 साल तक कोई काम न करने वाली सरकार अब 2030 का विजन दिखा रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को जादूगरों से ईमानदारी सीखना चाहिए, जो बीजेपी के मुकाबले ज्यादा ईमानदार हैं. जादूगर लोगों को तमाशा दिखाने से पहले बताते हैं कि वह उन्हें बेवकूफ बनाएंगे और ऐसा करते हैं’.
बजट पेश होने के अगले दिन यानि आज सुबह फिर एक ट्वीट किया. जॉर्ज फर्नांडीज को श्रद्धांजलि देते हुए एक फोटो के साथ उन्होंने ट्वीट किया जनता को उम्मीद थी कि जो शौचालय पिछले सालों में बने हैं, उनमें पानी भी उपलब्ध हो सके इसके लिए इस बजट में सरकार ज़रूर कुछ-न-कुछ प्रावधान करेगी लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. बिना पानी के शौचालय सफ़ाई की जगह गंदगी व बीमारी की वजह बन रहे हैं व लाखों करोड़ का खर्चा निरर्थक साबित हो रहा है.
आपको बता दें कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को बजट के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि बीजेपी के बड़े वादों और दावों की जुमलेबाजी से देश की तकदीर नहीं बदल सकती है. इससे देश में लंबे समय से जारी भयंकर महंगाई, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी की समस्या समाप्त नहीं हो सकती है. अंतरिम बजट देश की जनता को मायूस और बेचैन करने वाला ही है.