गया। बिहार के गया जिले के गुरारू में पति और बेटी के सामने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले पर सियासत तेज हो गई है। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव ने कहा कि इस मामले में अदालत को स्वत: संज्ञान लेकर स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को फांसी की सजा देनी चाहिए।
पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में माफिया राज समाप्त हो रहा है लेकिन यहां कर्मियों का बोलबाला है। गया जिले के गुरारू में जैसी घटना घटी वैसे मामले पर न्यायाधीश महोदय को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। जन अधिकार पार्टी मांग करती है कि हाईकोर्ट के जज के समक्ष मेडिकल बोर्ड का गठन कर उस बच्ची की भी जांच होनी चाहिए जो अपनी मां और पिता के साथ घटनास्थल पर थी।
पुलिस के वरीय अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने के लिए यह बताने में लगे हैं कि बच्ची के साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ। लेकिन अगर मेडिकल जांच न्यायाधीश की मौजूदगी में हो तो सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। गैंगरेप के मामले में पुलिस के हत्थे चढ़े संध्या गांव के 17 लोगों की गिरफ्तारी के बारे में कहा कि वह कौन कुकर्मी सांसद हैं, जिसके इशारे पर आरोपितों को थाने से रिहा कर दिया गया और वह भी रात के अंधेरे में। आखिर वे क्या छुपाना चाहते हैं? हमारी मांग है कि इस घटना के आरोपितों के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल चलाकर 15 दिनों के अंदर फांसी फांसी की सजा देनी चाहिए।
बता दें कि गया जिले के गुरारू-अहियापुर स्टेट हाईवे-69 से जुड़ी कोंच थाना क्षेत्र की सड़क पर बुधवार की रात करीब नौ बजे घात लगाए बैठे दरिंदों ने हैवानियत की हद पार दी। पति और बेटी को बंधक बना कर उनके सामने विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। परिवार इज्जत बख्श देने को आरजू-मिन्नतें करता रहा, पर हैवानों को दया नहीं आई। एसएसपी ने बताया कि पीडि़ता के पति के बयान पर दर्ज कांड के आधार पर मां-बेटी को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है।