लखनऊ : चिप लगाकर छेड़छाड़ करने पर पेट्रोल पम्प सीज
दो साल पहले चिप लगाकर करोड़ों रुपये का तेल चोरी करने का खुलासा होने के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई शुक्रवार को की गई। इंडियन ऑयल ने गोमती नगर जियामऊ स्थित पेट्रोल पम्प अग्रवाल ब्रदर्स रिटेल आउटलेट को बंद कर दिया। वर्ष 2017 में एसटीएफ ने शहर के 20 पेट्रोल पम्पों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर चिप से पेट्रोल-डीजल की चोरी पकड़ी थी।
कोर्ट के आदेश पर हुई जांच: इंडियन ऑयल के अनुसार चिप लगाकर तेल चोरी के इस मामले में कोर्ट से जांच करने का निर्देश मिला था। इंडियन ऑयल की टीम और सरकारी प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में मशीन से छेड़छाड़ किए जाने की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को पम्प टर्मिनेट कर दिया गया। एसटीएफ की कार्रवाई में इसके अलावा कई पम्पों पर चिप से ईंधन चोरी पकड़ी गई थी।
एसटीएफ के तत्कालीन एएसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी के नेतृत्व में ताबड़तोड़ छापे मारे थे। लगातार चले अभियान के दौरान 43 पम्प ऐसे थे जिन पर कार्रवाई की गई। यह 21वां पम्प है जिसको बंद किया गया है।
घटतौली का तोड़ नहीं निकाल पायीं तेल कंपनियां: राजधानी में बड़ी संख्या में पेट्रोल पम्पों पर चिप पकड़े जाने के बाद एसटीएफ के साथ तेल कंपनियों ने जांच की। इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया। उधर, कुछ दिन बाद ही फिर से पेट्रोल और डीजल चोरी की शिकायतें फिर से आने लगीं। तीनों तेल कंपनियों के अधिकारी नियमित जांच की बात कर रहे हैं।
छह हजार मशीनें शक के दायरे में
राज्य के करीब 1500 पम्प तेल कंपनियों के रडार पर हैं। बीते दिनों हापुड़ में सॉफ्टवेयर के जरिए पेट्रोल और डीजल चोरी पकड़े जाने के बाद तेल कंपनियां अपने स्तर से जांच कर रही हैं। तेल कंपनियों के आला अधिकारियों के अनुसार छह हजार यूनिट (मशीनें) शक के दायरे में हैं। तेल कंपनियों के राज्य समन्वयक एके गंजू ने बताया कि अभी तक बांटमाप विभाग के सहयोग से 2200 पेट्रोल पम्पों की जांच हो चुकी है। 17 पम्प ऐसे मिले हैं जहां सॉफ्टवेयर से तेल चोरी किया जा रहा था। हाल ही में खुलासा हुआ था कि डिस्पेंसिंग यूनिट से तेल चोरी करने के लिए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था। सॉफ्टवेयर को गिरोह ढाई लाख रुपये में पेट्रोल पम्पों को बेच रहा है। पेन ड्राइव से सॉफ्टवेयर पम्प के मुख्य सिस्टम में अपलोड किया जाता है।
पम्प घोटाले के कई आरोपी अभी भी पकड़े नहीं गये
लखनऊ। यूपी के पेट्रोल पम्प पर रिमोट कन्ट्रोल युक्त चिप से हुई घटतौली ने शासन तक की नींद उड़ा दी थी। पर, इस घटतौली से करोड़ों रुपये की कमाई कर चुके कई पेट्रोल पम्प के मालिक अभी भी पकड़ से दूर है। जिन थानों में एफआईआर दर्ज हैं, वहां की पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।