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55 साल के फुफेरे भाई ने 15 साल की किशोरी से किया दुष्कर्म, ऐसे खुला राज
लखनऊ, कृष्णानगर कोतवाली क्षेत्र में 15 वर्षीय किशोरी से 55 साल के फुफेरे भाई ने दुष्कर्म किया और मुंह खोलने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। किशोरी छह महीने की गर्भवती हो गई, पेट में अचानक तेज दर्द उठने पर उसने हिम्मत जुटाकर घरवालों से आपबीती बताई।</di
किशोरी के पिता की तहरीर पर आरोपित सुरेश श्रीवास्तव उसकी पत्नी शशि श्रीवास्तव व आरपीएफ में तैनात उसके बहनोई पवन श्रीवास्तव के खिलाफ दुष्कर्म, धमकी, पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की अन्य संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई है। घरवालों ने आरोपित को पकड़कर जमकर पीटा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इंस्पेक्टर कृष्णानगर पीके सिंह के मुताबिक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीडि़ता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपित को जेल भेजा जाएगा।
घटना के चलते छूट गई पढ़ाई
किशोरी के घरवालों के मुताबिक उसने कक्षा दस तक की पढ़ाई कर रखी है। घटना के बाद से उसने स्कूल जाना बंद कर दिया, जिससे उसके आगे की पढ़ाई भी बाधित हो गई।
घटना के चलते छूट गई पढ़ाई
किशोरी के घरवालों के मुताबिक उसने कक्षा दस तक की पढ़ाई कर रखी है। घटना के बाद से उसने स्कूल जाना बंद कर दिया, जिससे उसके आगे की पढ़ाई भी बाधित हो गई।
बहलाफुसलाकर बुलाता था घर, बनाता था शारीरिक संबंध
किशोरी के पिता ने एफआइआर में कहा कि आरोपित रिश्तेदार उनकी बेटी को बहलाफुसलाकर घर बुलाता था और जबरन शरीरिक संबंध बनाता रहा। मुंह खोलने पर उसके साथ माता-पिता को भी जान से मारने की धमकी देता था।
किशोरी के पिता ने एफआइआर में कहा कि आरोपित रिश्तेदार उनकी बेटी को बहलाफुसलाकर घर बुलाता था और जबरन शरीरिक संबंध बनाता रहा। मुंह खोलने पर उसके साथ माता-पिता को भी जान से मारने की धमकी देता था।
माता-पिता रहें सावधान, सब पर न करें विश्वास
माता-पिता को भी बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सबपर आसानी से विश्वास न करें और न ही बच्चों को अकेला किसी के घर भेजें। बच्चों को खेलने के लिए भी भेजें तो अपनी निगरानी में रखें। बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखें, जिससे वह अपनी सारीं बातें आसानी से शेयर कर लेंगे।
माता-पिता को भी बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सबपर आसानी से विश्वास न करें और न ही बच्चों को अकेला किसी के घर भेजें। बच्चों को खेलने के लिए भी भेजें तो अपनी निगरानी में रखें। बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखें, जिससे वह अपनी सारीं बातें आसानी से शेयर कर लेंगे।