ज्ञान के आधार पर प्राप्त किया सबका सम्मान: राज्यपाल राम नाईक
लखनऊ, जेएनएन। भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढ़ें। यह बात गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर ने कही थी। स्वामी विवेकांनद के परिनिर्वाण दिवस पर विवेकानंद पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात राज्यपाल राम नाईक ने कहीं।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने देश व दुनिया में लोगों को नई सोच और नई दिशा दी। उन्होंने देशवासियों में स्वाभिमान व राष्ट्रीय चेतना का संचार किया तथा भारतीय वेदांत दर्शन और अध्यात्म पर सारे विश्व के सामने अपने विचार रखे। वे ऐसे समाज की कल्पना करते थे जिसमें धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो।
विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में जो व्याख्यान दिया, उससे पूरे विश्व में भारत एवं भारतीयता की एक छवि बनी थी। नाईक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने ज्ञान और शब्दों के आधार पर सबका सम्मान प्राप्त किया। धार्मिक एवं सांस्कृतिक राजदूत के रूप में जब शिकागो में अपनी बात रखी तो पूरा माहौल बदल गया। उन्होंने पूरा विश्व एक परिवार है कहकर यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय संस्कृति में सभी धर्मों को समाहित करने की क्षमता है।
कार्यक्रम को महापौर संयुक्त भाटिया, विवेकांनद पॉलीक्लीनिक के सचिव मुक्तिनाथानंद व सीएमएस ब्रिगेडियर डॉ. पीके गुप्ता ने भी संबोधित किया।
राजभवन में लगेगी विवेकानंद की कांस्य प्रतिमा
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश ऐसा पहला राज्य होगा जिसमें राजभवन में विवेकांनद की साढ़े 12 फिट ऊंची कांस्य प्रतिमा लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा आ चुकी है और उसे जल्द ही स्थापित किया जाएगा जिससे लोग उनके आदर्शों को अपना सकें।