Main SlideUncategorizedउत्तर प्रदेशउत्तराखंडखबर 50जम्मू कश्मीरट्रेंडिगदिल्ली एनसीआरदेशप्रदेशबिहारबड़ी खबरमध्य प्रदेशविदेशवीडियोसाहित्य

सियासी संकट के बीच अचानक सीएम कुमारस्वामी ने क्यों लिया विश्वास मत का फैसला

बेंगलुरु
कर्नाटक में गठबंधन के कई विधायकों के इस्तीफे के बाद जारी सियासी घमासान में सीएम ने विश्वासमत का फैसला लेकर सभी को चौंका दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बागी विधायकों के इस्तीफों पर मंगलवार तक यथा-स्थिति बनाए रखने के फैसले के ठीक 10 मिनट बाद आए सीएम के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सीएम कुमारस्वामी का अचानक इतना आत्मविश्वास बेवजह नहीं है। बीजेपी को खतरा है कि कहीं कुमारस्वामी का यह दांव उन पर भारी न पड़ जाए।

शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा में सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा होने के बाद उनके लिए बेहतर होगा कि वे बहुमत साबित करने के बाद आगे बढ़ें। सीएम ने स्पीकर केआर रमेश कुमार से कहा, ‘मैं विश्वास मत के लिए तैयार हूं। आप दिन और समय तय करें।’ हालांकि अभी तक विश्वास मत के लिए कोई तारीख तय नहीं है।

सीएम के इस आत्मविश्वास ने न सिर्फ विपक्षी बीजेपी को चौंका दिया है, बल्कि बीजेपी के उन आरोपों पर भी कटाक्ष किया है, जिसमें उन पर बहुमत न होने के बाद भी सत्ता में बने रहने का आरोप लगाया जा रहा है।

सीएम एचडी कुमारस्वामी के बेहद करीबी विधायक ने बताया, ‘विपक्षी दल के विधायक सरकार बनाने को लेकर बहुत ज्यादा एकमत नहीं हैं। यदि बीजेपी कुमारस्वामी सरकार को विश्वासमत में हराने को लेकर कॉन्फिडेंट होती तो उन्होंने कब का अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया होता। बीजेपी का बैकफुट पर रहना यह साफ दिखाता है कि वह सिर्फ भ्रम की स्थिति का फायदा उठा रही है।’

सूत्रों ने बताया कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया और सीनियर मंत्री डीके शिवकुमार ने सीएम से शुक्रवार को लंबी बातचीत की और विश्वासमत को लेकर रणनीति का खाका खींचा। एक विधायक ने बताया, ‘कांग्रेस ने सीएम को बागियों से मिलने और उन्हें विश्वास में लेने के प्रयास करने की पूरी छूट दे दी है। कुमारस्वामी ने व्यक्तिगत तौर पर बागी विधायकों से मिलकर उन्हें गठबंधन में लौटने को कहा है।’

बताया जा रहा है कि इस्तीफा देने वाले 16 बागी विधायकों में से एक रामलिंगा रेड्डी अपना फैसला बदल सकते हैं। खबरें हैं कि रामलिंगा को बेंगलुरु डिवेलपमेंट का पोर्टफोलियो दिया जा सकता है, जो अभी डेप्युटी सीएम जी परमेश्वरा के पास है। कांग्रेस के एक अन्य बागी विधायक आर रोशन बेग ने भी शु्क्रवार को विधानसभा सत्र में हिस्सा लिया। बेग भले ही पार्टी से सस्पेंड किए गए हों, लेकिन उनका सदन में होना उनकी और कांग्रेस के बीच की दूरी को कम करने जैसा है।

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी कर्नाटक के प्रभारी पी मुरलीधर राव और जेडीए मंत्री एसआर रमेश के बीच हुई मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी और जेडीएस गठबंधन कर सकते हैं, लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि सीएम बीजेपी के लिए सभी दरवाजे बंद कर चुके हैं।

Related Articles

Back to top button