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राजकीय पॉलीटेक्निक लखनऊ की सवा लाख सीटें खाली, खुली पोल

लखनऊ पॉलीटेक्नि हम ऊचाई पहुंच गए हैं, मगर प्रदेश की तकनीकि शिक्षा अभी भी  नीचे ही है  शिक्षा का गुणवत्तापरक या फिर रोजगारपरक न होना  कारण कोई  भी हो, छात्र तकनीकि शिक्षा की ओर ध्यान नही दे रहे  है। प्राविधिक शिक्षा के तहत पॉलीटेक्निक डिप्लोमा में छात्रों की संख्या ऐसी है। इस सत्र पॉलीटेक्निक संस्थानों की लगभग दो लाख 19 हजार सीटों में एक लाख 35 हजार सीटें खाली  हैं। इतना ही नहीं 84 हजार सीटें भरने में भी संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद को बहुत ही परिशानी का सामना करना पड़ा।

दरअसल, प्रदेशभर की पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए 26 मार्च को हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2019 में 3,60,787 छात्र शामिल हुए। 20 जून को घोषित परीक्षा परिणाम में 3,39174 छात्रों ने परीक्षा में पात्र पाए गए। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने 27 जून से एक जुलाई तक काउंसिलिंग कराने का निर्णय लिया, मगर छात्रों ने काउंसिलिंग में हिस्सा लेने में ही दिलचस्पी नहीं दिखाई। खुद विभागीय अधिकारी ने इस बात को स्वीकार किया कि इस बार महज ढाई हजार छात्र ही ऑनलाइन काउंसिलिंग में शामिल हुए।

दाखिले को लेकर छात्रों के इस रवैये से संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद को भी जोरदार झटका लगा। यही कारण रहा कि परिषद के अधिकारियों को स्पॉट काउंसिलिंग की ओर रुख करना पड़ा। मगर स्पॉट काउंसिलिंग में भी खाली सीटों पर दाखिले नहीं हो सके।

पॉलीटेक्निक इंजीनियरिंग डिप्लोमा की सीटें भरने के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के अधिकारी हर जतन करने को तैयार हैं। कई राउंड काउंसिलिंग के बाद भी सार्थक परिणाम न आने पर शनिवार को परिषद ने बांसमंडी स्थित कार्यालय पर स्पॉट काउंसिलिंग कराई। इसमें एक हजार छात्रों को बुलाया गया। विभाग का दावा है कि खाली रही गई सीटें स्पॉट काउंसिलिंग से भरी जाएंगी।

पूर्व निदेशक ओपी वर्मा ने बताया कि रोजगार की संभावना का कम होना एक बड़ा कारण है। क्यूकि काउंसिलिंग व्यवस्था बहुत ही कठिन है इसको  सरल बनाया जाना चाहिए, ताकि अधिक छात्र शामिल हो सकें।

संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव एसके वैश्य ने बताया कि अभी छात्रों का ध्यान  राजकीय पॉलीटेक्निक पर था। स्पॉट काउंसिलिंग के जरिये अधिक  सीटें भरने का प्रयास जारी है ताकि  जल्द ही और सीटें भर जाए|

 

 

राजकीय पालीटेक्निक के  आंकड़े इस प्रकार है

 

राजकीय और अनुदानित 44423, 36000, 8423

निजी  1,74,558, 48,000, 126558

कुल 2,18,981 84,000, 134,981

 

 

 

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