यूपी में भारी बारिश से अब तक 55 की मौत, लखनऊ में 12वीं तक सभी स्कूल बंद
राजधानी लखनऊ में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश से अब सामान्य जीवन अस्त व्यस्त होने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब ये बारिश जान लेवा साबित होने लगी है। गांवों में भारी संख्या में कच्चे व जर्जर मकान और पेड़ धराशायी हो रहे है । जिसकी चपेट में 55 लोगों की मौत हो गयी। पिछले चौबीस घंटे में अवध क्षेत्र में 15, प्रयागराज में 14 ,पूर्वांचल में 17, बुंदेलखंड में 7 , सहारनपुर और कानपुर में एक-एक व्यक्ति ने जान गंवाई है। भारी बारिश के चलते लखनऊ जिला प्रशासन ने आज भी इंटर तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है।
बता दे कि अमेठी जिले के अवध क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ जहां दीवारें गिरने से एक दंपती समेत सात लोगों की मौत हो गई। जबकि बाराबंकी में तीन, अंबेडकरनगर में 2 और सीतापुर, अयोध्या व रायबरेली में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। वहीं रुदौली, मिल्कीपुर, अमानीगंज, पटरंगा में दीवार व घर ढहने से लोगों के घायल होने की सूचना है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रयागराज और आसपास के जिलों में भी सैकड़ों घर गिर गए हैं। यहां प्रतापगढ़ में घर के मलबे में दबने से नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 से भी अधिक लोग घायल हो गए। गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक लगातार बारिश होने से सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और घरों में पानी घुस गया। कौशाम्बी के सिराथू में दीवार ढहने से किशोर न्याय बोर्ड के पीठासीन अध्यक्ष विनय मिश्रा की मौत हो गई, जबकि प्रयागराज के मऊआईमा व हंडिया में कच्चे मकान ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई।
वहीँ ,पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी बारिश के चलते चलते 160 से अधिक कच्चे मकान गिर गए। इसके मलबे में दबने से 13 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में चंदौली में मां और दो बेटों समेत पांच, भदोही में दंपती समेत तीन, वाराणसी में तीन तथा आजमगढ़-जौनपुर में एक-एक ने जान गंवाई। कई जिलों में बिजली ठप रही।