उत्तराखंड: मलबा आने से ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे बंद , यातायात खोलने की कोशिश जारी
उत्तराखण्ड में हर रोज़ कोई न कोई मुसीबत आती रहती है। सड़क हादसे जैसी खबरें तो आये दिन सुनने को मिलती ही रहती है। जिसे आज तक कोई भी लगाम नहीं लगा पाया है और न ही सड़क हादसे थमने का नाम ले रहे है। तो वही कुदरत भी उत्तराखंड में अपनी हरकत दिखाए हुए है।ऐसा ही एक मामला टिहरी के नरेंद्र नगर कुंजापुरी के पास हुआ ,जहा चट्टान टूटने से ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे आज सुबह से बंद पड़ा है।
बता दें कि सुबह चार बजे से रास्ता बंद पड़ा हुआ है। पहाड़ से लगातार मलबा गिरने की वजह से रास्ता खोलने में दिक्कत आ रही है। यहां सड़क मार्ग के दोनों तरफ सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं मलबा साफ करने के लिए जेसीबी लगी हुई है। सुबह नौ बजे हाईवे कुछ देर के लिए खोला गया था, लेकिन दोबारा मलबा आने की वजह से मार्ग भी बंद हो गया है।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भूस्खलन का खतरा
मिली जनकरी के अनुसार ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत चौड़ीकरण कार्य के चलते रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल बना हुआ है। जगह-जगह कीचड़ होने से वाहनों के आवागमन में खासी मुश्किलें हो रही हैं, जिससे घंटों जाम लग रहा है। साथ ही बांसवाड़ा समेत कई जगहों पर भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है।
आपको बता दें कि बीते डेढ़ वर्ष से परियोजना के तहत हाईवे का चौड़ीकरण किया जा रहा है, लेकिन बीते बरसात से मार्ग की हालत कई जगहों पर दयनीय हो चुकी है। भटवाड़ीसैंण में भूस्खलन के साथ सड़क का पुश्ता भी टूटा हुआ है। बांसवाड़ा में हाईवे का करीब 200 मीटर हिस्सा भूस्खलन के कारण अति संवेदनशील बना हुआ है। यहां कई जगहों पर पानी रिस रहा है, जिस कारण कीचड़ हो रहा है।
जिसकी वजह से भीरी, सांकरी, नारायणकोटी, डोलिया मंदिर, चंडिकाधार, जामू नर्सरी और सेरसी में भी राजमार्ग की स्थिति काफी खराब है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कीचड़ और भूस्खलन जोन के सक्रिय होने से स्थिति खतरनाक बनी हुई है। एनएच के अधिशासी अभियंता जितेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मानसून सीजन खत्म होने के बाद अब डेंजर जोन पर प्राथमिकता से सुधारीकरण कार्य किया जा रहा है। साथ ही निकास नाली व पुश्ता निर्माण के साथ चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है।