जवाहर हत्याकांड: जब जेल पहुंचे पूर्व विधायक ने कहा-भाई! अंदर लेना हो तो ले लो, नहीं तो हम लोग जाएं
जवाहर हत्याकांड में अदालत ने दोषियों को सजा सुनाते हुए आजीवन कारावास और हर एक दोषी को एक लाख 80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में दोषी करार दिए गए करवरिया बंधुओं (पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया और पूर्व बसपा एमएलसी सूरजभान करवरिया) तथा रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को अदालत ने आजीवन कारावास और हर एक को एक लाख 80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
बता दें कि अदालत ने सभी को हत्या के प्रयास, बलवा और शस्त्रों से लैस होकर बलवा करने तथा सेवन क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट में अलग अलग सजाएं सुनाई हैं। यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इससे पूर्व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बद्री विशाल पांडेय ने 31 अक्तूबर को चारों अभियुक्तों को हत्या सहित उपरोक्त सभी आरोपों में दोषी करार दिया था। सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए सोमवार चार नवंबर की तिथि नियत की गई थी।
जिसके बाद सजा का एलान होने पर सभी आरोपी नैनी जेल पहुंचे। इस दौरान अपने भाइयों संग पूर्व विधायक उदयभान करविरया जब 108 एंबुलेंस से नीचे उतरने के बाद मुख्य गेट पर पहुंचे तो गेट का दरवाजा अंदर से बंद मिला। उन्होंने गेट खोलने को कहा तो कुछ समय लगा। जिस पर चुटकी लेते हुए पूर्व विधायक उदयभान करवरिया ने कहा कि भाई फिर से लौट आए हैं, अंदर लेना हो तो ले लो, नहीं तो हम लोग जाएं। उनकी यह बात सुनकर वहां खड़े सभी लोग हंसने लगे, तब तक मेन गेट खुल गया और चारों लोग अंदर दाखिल हो गए। जाते-जाते उन्होंने समर्थको से धैर्य के साथ घर लौट जाने को कहा।
कपिलमुनि बने कैदी नंबर 511, तो 512 कैदी नंबर से जाने जाएंगे उदयभान
नैनी जेल से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार शाम 7.30 बजे से करवरिया बंधुओं का केंद्रीय कारागार नैनी के अंदर ओहदा बदल गया। पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया अब कैदी नंबर 511 के नाम से जाने जाएंगे। इसी तरह बीजेपी विधायक नीलम करवरिया के पति एवं पूर्व विधायक उदयभान करवरिया कैदी नंबर 512, पूर्व बीएसपी एमएलसी सूरजभान करवरिया कैदी नंबर 513 और उनके साथ आजीवन कारावास की सजा पाने वाले रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू कैदी नंबर 514 के नाम से दर्ज किए गए हैं।
दरअसल सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा होने के बाद दोबारा जेल लौटे करवरिया बंधुओं की सोमवार शाम को जेल के अंदर इंट्री करते ही स्थिति बदल गई। कल तक विचाराधीन बंदी रजिस्टर में शामिल तीनों भाइयों संग रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू का नाम सजायाफ्ता कैदी रजिस्टर(कन्विक्ट रजिस्टर) में दर्ज हो गया।
सुचना के मुताबिक साथ में चारों लोगों को रजिस्टर के सीरियल नंबर के आधार पर ही कैदी संख्या (कन्विक्ट नंबर) भी एलाट हो गया। आज के बाद से सजा पूरी होने तक अथवा जेल में रहने तक चारों लोगों का यही कैदी नंबर होगा। हालांकि अभी करवरिया बंधुओं को मालवीय सदन में ही रखा गया है। उनके काम का एलाटमेंट रविवार को ही कर दिया गया था। पांच नवंबर से तीनों भाइयों को पढ़ाने के कार्य में लगा दिया जाएगा। तीनों भाइयों के जिम्मे करीब 300 कैदियों को पढ़ाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। उनके साथ चौथे कैदी रामचंद्र त्रिपाठी को खेती किसानी के काम की मानीटरिंग में लगाया जाएगा।