महाराष्ट्र : सरकार गठन को लेकर सोनिया गांधी ने शरद पवार से बात की
महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है। 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव तथा 24 अक्टूबर को नतीजे आने के बाद से ही यहां जबरदस्त उठापटक देखने को मिल रही है। भाजपा को 105, शिवसेना को 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें सीटें मिलीं। हालांकि मतदाताओं ने भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को बहुमत दे दिया, लेकिन दोनों के बीच बात बनने के बजाय बिगड़ गई। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे पहले सबसे ज्यादा सीट हासिल करने वाली भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। भाजपा बहुमत साबित नहीं कर पाई। इसके बाद नंबर आया दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना का। वह भी अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी। अब राज्यपाल ने तीसरे सबड़े बड़ी पार्टी राकांपा को निमंत्रण दिया है। शरद पवार की एनसीपी को आज रात 8.30 बजे तक बहुमत दिखाना है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर कांग्रेस-एनसीपी, शिवसेना के साथ आती है तो यह अच्छा ही होगा। सब बेनकाब होंगे और पता चलेगा कि कौन किसका वोट काट रहा था और कौन किसके साथ मिला था। भाजपा नेता आशीष शेलार ने शिवसेना नेता संजय राउत से लीलावती असत्पाल में मुलाकात की। राउत राउत को सोमवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार गठन को लेकर राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार से बात की। अहमद पटेल, वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे मुंबई में पवार से इस मामले में वार्ता करेंगे।कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि हम सभी से बातचीत कर रहे हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बातचीत जारी है। सब मिलकर बात करेंगे और मसला सुलझाएंगे। बातचीत के बाद ही हम किसी फैसले पर पहुंचेंगे।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, सरकार में देरी को लेकर करूंगा कांग्रेस से बात। कांग्रेस-एनसीपी बैठक के सवाल पर पूछा कैसी बैठक? एनसीपी नेता अजीत पवार बोले, जो भी फैसला लेंगे वह एक साथ लिया जाएगा। हम सोमवार को कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे थे, मगर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। हम सरकार बनाने का फैसला अकेले नहीं लेंगे। यहां कोई गलतफहमी नहीं है। हमने साथ चुनाव लड़ा और हम साथ हैं। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने फिर दिखाए बगावती तेवर। ट्वीट में लिखा कि कांग्रेस के पास सरकार बनाने के लिए कोई नैतिक अधिकार नहीं है। यह भाजपा और शिवसेना की विफलता है कि उन्होंने राज्य को राष्ट्रपति शासन के कगार पर खड़ा कर दिया। शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया, लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, बच्चन. हम होंगे कामयाब, जरूर होंगे।