जानिए कैसे हुआ था भगवान दत्ता का जन्म ,पढे पूरी खबर .
आप सभी को बता दें कि हर साल मार्गशीर्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय जयंती मनायी जाती है और आज दत्तात्रेय जयंती है. ऐसे में इस दिन ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का स्वरूप कहे जाने वाले दत्ता जी का जन्म हुआ था और आपको बता दें कि भगवान दत्तात्रेय का स्वरूप कुछ ऐसा है. उनकी छह भुजाएं और तीन मुख हैं और वह त्रिदेव के अंश हैं. इसी के साथ आज के दिन भगवान दत्ता के बाल्यरूप की आराधना करते हैं.
उन्होंने त्रिदेवों को ये कहा कि वे जाकर माता अनसूया के पतिव्रत धर्म को तोड़ें। देवियों की जिद में त्रिदेव माता अनसूया के पतिव्रत धर्म को तोड़ने के लिए पहुंच गए।
इन्हें बालरूप में ही रहना होगा। यह सुनकर तीनों देवों ने अपने-अपने अंश को मिलाकर एक नया अंश पैदा किया, जिनका नाम दत्तात्रेय रखा गया। आपको बता दें कि आज के दिन दत्तात्रेय भगवान की आराधना करें और दत्तात्रेय स्त्रोत का पाठ भी करें.