उत्तराखंड के बड़े शहर गिरे औंधे मुहं, छोटों ने लाज बचाई
स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में दून समेत उत्तराखंड के सभी बड़े शहर औंधे मुहं गिरे हैं। स्वच्छता के मोर्चे पर हमारा कोई भी शहर टॉप-100 में जगह नहीं बना पाया है। गनीमत रही कि छोटे नगर निकायों और कैंट बोर्डों की बदौलत 31 राज्यों की सूची में उत्तराखंड को 12वां स्थान मिल पाया। एक लाख से कम आबादी वाले इन शहरों में से छह ने टॉप टेन (उत्तरी जोन) में जगह बनाने में सफलता हासिल की है।
स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्तराखंड से 87 नगर निकायों व नौ कैंट बोर्ड ने हिस्सा लिया था। एक लाख से अधिक आबादी की कैटेगरी में उत्तराखंड से छह नगर निगम शामिल थे। सभी नगर निकाय दंभ भर रहे थे कि वह टॉप 50 में जगह बना लेंगे, मगर जब शनिवार को स्वच्छता के आंकड़े जारी किए गए तो टॉप-50 या टॉप 100 तो दूर, रुड़की को छोड़कर कोई भी शहर टॉप 200 में भी जगह नहीं बना पाया। दूसरी तरफ एक लाख से कम आबादी में उत्तरी जोन में नगर निकायों में मुनीकीरेती, नैनीताल, चमोली व कैंट बोर्ड में अल्मोड़ा, रानीखेत, नैनीताल ने टॉप टेन में जगह बनाकर राज्य की लाज बचाने का प्रयास किया।
शहर——————रैंक—————— स्कोर
रुड़की—————-158—————- 2267.73
हरिद्वार————-205—————- 2059.41
हल्द्वानी————251—————–1873.56
देहरादून————-259—————–1846.51
रुद्रपुर—————-281—————–1768.33
काशीपुर————-310——————1650.99
छोटे निकायों का प्रदर्शन (उत्तरी जोन के कुल 1008 शहरों में से)
शहर——————रैंक——————स्कोर
मुनिकीरेती———–02—————–2549
नैनीताल————–06—————– 2321
चमोली—————-08—————–2249
दुगड्डा—————-13—————–2175
गौचर—————–31—————– 2017
मसूरी——————32—————- 2017
कैंट बोर्ड श्रेणी में (देश के 61 कैंट बोर्ड में से)
शहर—————-रैंक—————— स्कोर
अल्मोड़ा————02——————2887
रानीखेत———– 03——————2702
नैनीताल————06——————2571
देहरादून————18——————2200
रुड़की—————31——————2013
लंढौर—————-44—————–1778
(स्कोर 4000 अंत में से)
आवास एवं शहरी विकास मंत्री (उत्तराखंड) मदन कौशिक का कहना है कि ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड के शहर सुधार नहीं कर रहे हैं। यह प्रयास जारी है और हमारे कई छोटे शहरों ने राष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा काम किया है। उम्मीद है कि अगली रैंकिंग में सुधार नजर आएगा।