गंगा के बहाने नीतीश ने गडकरी को दिया करार जवाब
आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और केंद्र की कई योजनाओं पर एक साथ हमला किया है. नीतीश ने केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना पर पटना में बोलते हुए कहा कि गंगा की न तो निर्मलता बची है और न ही अविरलता. नीतीश जलवायु परिवर्तन पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा किये गए ईस्ट इंडिया कॉन्क्लेव में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मौजूदगी में अपनी बात कह गए .साथ ही नीतीश दरअसल गडकरी से जरा नाराज चल रहे है. क्योकि गडकरी का कहना था कि बिहार सरकार की लापरवाही के कारण दो लाख करोड़ रूपये की सड़क परियोजनाएं फंसी पड़ी हैं. नीतीश सरकार ने केंद्रीय सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान को झूठा करार दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में जमीन नहीं मिलने के कारण सड़क निर्माण की 2 लाख करोड़ की परियोजना लटकी पड़ी हैं.
नीतीश ने जलमार्ग परियोजना के जरिये गडकरी पर हमला किया और गडकरी के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने बिहार में दो लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं के राज्य सरकार की लापरवाही से फंसे होने का कारण गिनवाया था.
नीतीश आज तैयारी के साथ आये थे, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गंगा को लेकर गलत आंकड़े दे रही है. गंगा की न तो निर्मलता बची है न ही अविरलता. गंगा नदी में काई दिखाई देने लगी है, जैसे जमे हुए पानी में दिखती है. कई जगहों पर गंगा का पानी नाले के पानी जैसा हो गया है. बेगूसराय में गंगा का पानी काला हो गया है. बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी दिया. गडकरी की जलमार्ग परियोजना पर हमला बोलते हुए नीतीश ने कहा कि इस साल जनवरी में बनारस से पटना आ रहा एक जहाज बक्सर के पास गंगा नदी में फंस गया. दो महीने पहले उस जहाज को निकालने के लिए दूसरा जहाज भेजा गया. वो जहाज भी उससे 10 किलोमीटर पहले ही नदी में फंस गया. बक्सर के रामरेखा घाट पर गंगा नदी की गहराई एक मीटर बची है. इसमें जहाज कैसे चलेगा.