यह अध्ययन इंटरनल मेडिसिन नामक स्वास्थ्य पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि फिल्टर कॉफी पीने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्वीडन की चलमर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और उमिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्ष फिल्टर कॉफी के बारे में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। साथ ही ये परिणाम कॉफी के प्रकारों के प्रभावों का आकलन करने में भी मदद करते हैं।
उमिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इल अध्ययन के शोधकर्ता रिकॉर्ड लैंडबर्ग ने कहा, ‘हमने शरीर में विशिष्ट अणुओं की पहचान की है, जो कॉफी के विभिन्न प्रकारों के सेवन का संकेत देते हैं। हमारे रक्त में ये अणु बायोमार्कर के रूप में मौजूद होते हैं। सामान्यत: इनका उपयोग टाइप 2 मधुमेह यानी डाइबिटीज के जोखिम की गणना के समय विश्लेषण के लिए किया जाता है।’
उन्होंने कहा कि टाइप 2 डायबिटीज के संबंध में हमारे परिणाम स्पष्ट रूप से बताते हैं कि शरीर पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और डायबिटीज को विकसित होने से रोक देता है। लैंडबर्ग ने कहा, ‘यहां एक बात ध्यान रखने वाली है कि केवल फिल्टर कॉफी ही डायबिटीज टाइप 2 के स्तर को बढ़ने से रोक पाती है, न कि उबली हुई कॉफी।’