सेना प्रमुख ने शहीदों की बहादुरी को किया सैल्यूट
सेना प्रमुख ने शहीदों की बहादुरी को किया सैल्यूट15 जनवरी का दिन भारत के शौर्य के लिए कई मायनों में खास माना जाता है। आर्मी डे पर दिल्ली के परेड ग्राउंड पर आर्मी डे परेड का आयोजन होता है। ये गणतंत्र दिवस की परेड की तरह होता है। इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद होते हैं. इस बार की खास बात ये है कि आर्मी डे के मौके पर देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी वहां मौजूद होंगे और परेड की सलामी लेंगे वही आपको बता दे की जहा बिपिन रावत ने 31 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार ग्रहण किया था।
1949 से, हमारी सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना बन गई है। ये हर भारतीय के लिए सर उठाने वाला समय होता है। भारतीय सेना एक स्वैच्छिक सेवा बनी हुई है, जिसे हमारे पुरुष और महिलाएं राष्ट्र की सेवा करने के लिए “चुनते हैं”, और यद्यपि सैन्य सहमति के लिए एक प्रावधान मौजूद है, इसे कभी भी लागू नहीं किया गया है।करीब 200 सालों तक ब्रिटिश शासन की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को बड़ी आजादी मिली।
भारतीय स्वतंत्रता के समय देश सांप्रदायिक दंगों का सामना कर रहा था और शरणार्थी पाकिस्तान से आ रहे थे और कुछ लोग पाकिस्तान की ओर पलायन कर रहे थे। इस तरह के अराजक माहौल की वजह से कई प्रशासनिक समस्याएं होने लगी।
तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा । ताकि देश के बहटवारे के दौरान शांति सुनिश्चित की जा सके। कई बड़ी वजहों की वजह से और इंडियन आर्मी के जवानों को सम्मान देने के लिए भी इस दिन को देश में सेलिब्रेट किया जाता है।